श्री राम जन्मभूमि मंदिर में 'प्राण प्रतिष्ठा समारोह' को सफल बनाने हेतु काशी में रणनीति तैयार।
श्री राम जन्मभूमि मंदिर में 'प्राण प्रतिष्ठा समारोह' को सफल बनाने हेतु काशी में रणनीति तैयार।
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज डाट कॉम
वाराणसी (काशी प्रान्त) 31 अक्टूबर।
काशी के प्रांत प्रचारक श्रीमान रमेश जी ने बताया कि संघ विचार परिवार की प्रांतीय बैठक में 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह के संबंध में विस्तृत कार्य योजना घोषित की गई।
उन्होंने कहा कि कि चार अलग-अलग सत्रों में पूरे दिन भर चली बैठक में विचार परिवार के 35 संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों की उपस्थिति में कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करने का आह्वान किया गया।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री एवम् विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री चंपत राय जी ने पूरे 45 दिन तक चलने वाले महाअभियान की चरण बद्ध ढंग से विस्तृत जानकारी दी।
निर्णीत योजना के अनुसार 4 नवंबर 2023 को 200 कार्यकर्ता अयोध्या पहुंचेंगे। पांच को वहां से अक्षत भरे पीतल के कलश लेकर सभी विभाग केंद्रों पर उसे पहुंचाएंगे। यह अक्षत न्यास की ओर से आमंत्रण का प्रतीक होगा।
5 नवंबर से दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक कार्यकर्ता देशभर के सभी मंदिरों में अक्षत पहुंचायेंगे ।
1 से 15 जनवरी 2024 तक पूजित अक्षत लेकर कार्यकर्ता हर गांव मोहल्ले एवं बस्तियों में संपर्क कर सभी को अयोध्या पहुंचने का औपचारिक निमंत्रण देंगे।
प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन 22 जनवरी को कार्यकर्ता अपने-अपने गांव मोहल्ले के मंदिरों में इकट्ठे होंगे। वहां भजन कीर्तन के कार्यक्रम चलेंगे तथा सायं काल अपने दरवाजे पर दीप जलाएंगे। 5 करोड़ घरों में इस दिन दीपक जलाए जाएंगे।
22 जनवरी को अयोध्या में केवल देश भर के कश्मीर से कन्याकुमारी तक के 140 संप्रदायों के साधु संत, माननीय प्रधानमंत्री, पूज्य सरसंघचालक जी, तथा इस आंदोलन में प्राण गंवाने वालों के परिजन और विभिन्न क्षेत्रों में विशेष उपलब्धियां अर्जित करने वाले समाज के विशिष्ट नागरिक उपस्थित होंगे।
8000 लोगों की सीमित क्षमता होने के कारण कार्यकर्ताओं से 22 जनवरी को अयोध्या न आकर अपने अपने क्षेत्र में कार्यक्रमों में जुटने का निर्देश दिया गया है।
कार्यकर्ताओं को अलग-अलग तिथियों में उनके प्रांत के अनुसार अयोध्या पहुंचने का श्री चंपत राय जी ने निमंत्रण दिया। अयोध्या पहुंचने वाले कार्यकर्ताओं के रुकने तथा भोजन आदि की समुचित व्यवस्था का भी उन्होंने भरोसा दिलाया।
25000 कार्यकर्ताओं के प्रतिदिन अयोध्या में रूकने एवं खाने की व्यवस्था की जा रही है।
काशी प्रांत के कार्यकर्ता 30 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगे। इसी तरह अलग-अलग प्रांतो के लिए अलग-अलग तिथियां होंगी। 45 दिनों तक चलने वाले इस अभियान में 50 लाख लोगों के आवास एवं भोजन की व्यवस्था अयोध्या में उपलब्ध कराई जाएगी।
काशी प्रांत के प्रांत प्रचारक श्रीमान रमेश जी ने द्वितीय सत्र में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने आग्रह किया कि संगठन की रीति नीति के अनुसार सभी कार्यकर्ता अपने-अपने स्थान पर सौंपे गये दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वाह करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाएं।
उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र के मंदिरों की सूची बनाएं और प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन मंदिरों में संपूर्ण हिंदू शक्ति को एकत्रित कर भजन कीर्तन के कार्यक्रम संचालित करें। माइक लगाकर प्रभु श्रीराम का गुणानुवाद करायें। इसके लिए कथावाचकों विद्वानों की भी सहायता ली जा सकती है।
उन्होंने कहा कि 1 से 15 जनवरी तक अब तक का सबसे बड़ा महासंपर्क अभियान चलेगा। इसमें पूरी भागीदारी निभायें। एक भी हिंदू घर छूटने न पाए इसका ध्यान रखें। 15 दिसंबर से पहले खंडो की समन्वय बैठकें हो जाए। टोलियों का गठन कर लें। गठित टोलियां ही परिवारों से संपर्क करेंगी। विचार परिवार की बैठक जिला स्तर पर करने के लिए अभी से तिथि तय करने का भी उन्होंने निर्देश दिया। बताया कि कार्य कर्ताओं को 15 दिसंबर से पूर्व अयोध्या से लाई गई सारी सामग्री मिल जाएगी।
दूसरी ओर “मातृशक्ति-संगम” को भी विभाग स्तर पर सफल बनाने लिए कार्यकर्ताओं से सक्रिय रहने का निर्देश दिया। इसके लिए अलग-अलग विभागों की तिथियां भी घोषित कर दी गई।
छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित ऐतिहासिक महानाट्य देखने के लिए सभी जिलों की तिथियां की भी जानकारी दी गई।
21 नवंबर को चंदौली सोनभद्र, 22 को मिर्जापुर भदोही, 23 को प्रयागराज, 24 को प्रतापगढ़ कौशांबी, 25 को सुल्तानपुर अमेठी, तथा 26 को जौनपुर गाजीपुर के कार्यकर्ता 'जाणता राजा' महानाट्य का मंचन देखेंगे। वाराणसी जिले के लोग स्थानीय होने के कारण सभी दिनों में प्रतिभाग कर सकते हैं।
प्रसिद्ध कथावाचक श्री शांतनु जी महाराज ने काशी में आयोजित महा नाट्य 'जाणता राजा', जो कि छत्रपति शिवा जी महाराज के जीवन पर आधारित है, के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर प्रांत संघचालक डॉ विश्वनाथ लाल निगम, प्रांत कार्यवाह श्री मुरली पाल, सह प्रांत कार्यवाह डॉ राकेश जी और श्री चन्द्र मोहन जी आदि उपस्थित रहे।
समन्वय बैठक में भारत विकास परिषद, विश्व हिन्दू परिषद, सक्षम, आरोग्य भारती, सेवा भारती, विद्यार्थी परिषद, शैक्षिक महासंघ, इतिहास संकलन समिति, गंगा समग्र, भाजपा और भारतीय मजदूर संघ समेत 35 संगठनों के कुल 545 पदाधिकारी उपस्थित थे।