देश का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे यूपी के वाराणसी में बनेगा, कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक कि दूरी 16 मिनट में होगी कवर

इसे स्विस कंपनी बर्थोलेट और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड (NHLPL) द्वारा तैयार किया जाएगा। वाराणसी कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक 5 स्टेशन होंगे, रोपवे के स्टेशन कैंट स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथ यात्रा, चर्च और गोदौलिया होंगे। रोपवे कुल 3.8 किलोमीटर की दूरी तय करेगी, 16 मिनट की ये दूरी कवर की जाएगी। अभी 45 से 50 मिनट लगते हैं।
 
Narendra Modi
रोपवे को पब्लिक ट्रांसपोर्ट रूप में इस्तेमाल करने वाला भारत होगा तीसरा देश।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

वाराणसी, 24 मार्च:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को नया और बेहद खास तोहफा देने जा रहे हैं। दरअसल, देश का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बनेगा, पीएम मोदी आज इसकी आधारशिला रखने वाले हैं। ये रोपवे कैंट रेलवे स्टेशन (वाराणसी जंक्शन) से गोदौलिया चौराहा तक रहेगा। इस पर 644.49 करोड़ रुपए खर्च होंगे, स्थानीय लोगों के साथ-साथ काशी घूमने आने वाले टूरिस्ट के लिए भी ये काफी राहत पहुंचाने वाला और मजेदार रहेगा। ये रोपवे वाराणसी के भीड़भाड़ वाले इलाकों से निकलेगा, जहां काफी ज्यादा जाम की स्थिति होती है। बनारस में काफी तंग गलिया हैं, इसके साथ ही ट्रैफिक भी लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में इसका होना लोगों के लिए काफी राहत वाली बात होगी। इसे पर्वतमाला परियोजना के तहत तैयार किया जाएगा।

देश का बनेगा पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट- भारत तीसरा देश होगा जहां रोपवे को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, बोलिविया के ला पाज और मैक्सिको में इसका उपयोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट की तरह होता है। ये पायलट प्रोजेक्ट है और इसे स्विस कंपनी बर्थोलेट और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड (NHLPL) द्वारा तैयार किया जाएगा। वाराणसी कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक 5 स्टेशन होंगे, रोपवे के स्टेशन कैंट स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथ यात्रा, चर्च और गोदौलिया होंगे। रोपवे कुल 3.8 किलोमीटर की दूरी तय करेगी, 16 मिनट की ये दूरी कवर की जाएगी। अभी 45 से 50 मिनट लगते हैं। ट्रॉली कारें करीब 50 मीटर की ऊंचाई पर चलेंगी, जानकारी के अनुसार, 150 ट्रॉली कारें चलेंगी। एक ट्रॉली में 10 यात्री सवार हो सकेंगे, हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल पर यात्रियों के लिए ट्रॉली उपलब्ध रहेंगी। एक घंटे में लगभग 3000 लोग एक डायरेक्शन में यात्रा कर सकेंगे, रोपवे दिन में 16 घंटे चलेगी। रोपवे रात में भी चलेगा, प्रोजेक्ट की लागत को केंद्र और राज्य सरकार के बीच 80:20 के अनुपात में बांटा जाएगा। रोपवे 2 साल में तैयार होगी, सभी पांचों स्टेशनों पर काशी की कला, धर्म और संस्कृति की झलक दिखाई देगी।