देवर्षि नारद जयंती के उपलक्ष में विश्व संवाद केंद्र प्रतापगढ़ द्वारा समारोह का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तरप्रदेश के क्षेत्र प्रचार प्रमुख श्रीमान सुभाष जी उपस्थित थे और अध्यक्षता प्रताप प्रहरी के संपादक श्री सुरेश पाण्डेय 'संभव' ने किया।

देवर्षि नारद जयंती के उपलक्ष में विश्व संवाद केंद्र प्रतापगढ़ द्वारा समारोह का आयोजन किया गया।
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क
प्रतापगढ़, 18 मई।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तरप्रदेश के क्षेत्र प्रचार प्रमुख श्रीमान सुभाष जी उपस्थित थे और अध्यक्षता प्रताप प्रहरी के संपादक श्री सुरेश पाण्डेय ‘संभव’ ने किया।
विषय प्रवर्तन विभाग प्रचार प्रमुख प्रभा शंकर पांडे ने किया। कार्यक्रम का संचालन जिला प्रचार प्रमुख अंकुर श्रीवास्तव ने किया।
इस अवसर पर इस अवसर पर विभाग संघचालक श्रीमान रमेश चंद्र जी, जिला संघ चालक श्रीमान चिंतामणि जी उपस्थित रहे, विभाग कार्यवाह श्रीमान हरीश जी, विभाग प्रचारक प्रवेश जी, जिला प्रचारक प्रवीण जी, और जिला कार्यवाह हेमंत जी उपस्थित रहे।
देवर्षि नारद जी व भारत माता के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के प्रचार प्रमुख श्रीमान सुभाष जी ने अपने उद्बोधन ने कहा कि देवर्षि नारद जी का जीवन सामाजिक वैमनस्यता को समाप्त करने के लिए कृत संकल्पित था लगातार भ्रमणशील रहकर सभी को सत्य और न्याय के पद पर चलने के लिए सजग करते रहते थे। इसीलिए इन्हें आद्य पत्रकार भी कहा जाता है ।
पत्रकारिता जीवन के शाश्वत मूल्यों को बनाए रखने में सकारात्मक भूमिका निभाती है, यह सत्य और न्याय की खोज में सभी लोगों को सही जानकारी प्रदान करके सामाजिक जागरूकता पैदा करके और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देकर जीवन के मूल्यों को मजबूत करती है।
पत्रकारिता सत्य को उजागर करना और न्याय को बढ़ावा देने का काम करती है। सामाजिक मुद्दों को समाज के सामने सही विश्लेषण करने का भी कार्य करती है ।अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र की महत्वपूर्ण विशेषता है।
उन्होंने कहा कि समाज को सत्य से अवगत करा कर सशक्त समाज के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी का निर्वहन करती है। पत्रकारिता राष्ट्रीयता से ओतप्रोत है। भारतीय मनीषा कहती है कि शील ही संदेश है, चरित्र ही संदेश है और शुचिता ही पत्रकारिता है ।
उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में भारत, भारतीयता ,राष्ट्र और राष्ट्रीयता का भाव परिलक्षित होता है। जिससे शाश्वत मूल्य समृद्ध होते हैं ,और जीवन अपनी उत्कृष्टता को प्राप्त करता है। पत्रकारिता जिज्ञासा, संवाद और संवेदना का समन्वय है। पत्रकारिता के प्रेरणा स्रोत नारद जी रहे।
उन्होंने कहा कि नारद जी का जीवन ही संदेश है, अर्थात पत्रकारिता एक रचना शैली है, जो नारद जी के आदर्श तपस्या का प्रतिफल है।
इस अवसर पर गांव लहरिया के सम्पादक आशीष त्रिपाठी, सह जिला संघ चालक अशोक जी, रघुवीर प्रसाद जी, कार्तिकेय जी, सीतांशु जी, शिव शंकर सिंह, शिव प्रकाश सेनानी जी, अजय, सुमित, अंकित, प्रिया त्रिपाठी, धर्मेंद्र, रवि, राघवेंद्र, शैलेश, अखिलेश, ओम प्रकाश त्रिपाठी, सतीश, रवीश, पवन, अमितेंद्र श्रीवास्तव, शिवेश शुक्ल, महेश गुप्ता, रामेंद्र, रामचंद्र आदि समाज के संभ्रांत जन उपस्थित रहे।