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इस बीमार अस्पताल को खुद है इलाज की जरूरत

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोरांव मे जर्जर हुआ डाक्टरों का आवास

इस बीमार अस्पताल को खुद है इलाज की जरूरत

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोरांव मे जर्जर हुआ डाक्टरों का आवास

प्रयागराज/कोरांव, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोरांव अब खुद वेंटीलेटर का शिकार होकर रह गया है। यहा तहसील के 115 गांवों के सात लाख के लगभग लोगों के इलाज की जिम्मेदारी इसी अस्पताल के कन्धों पर है। यहां एक महिला सर्जर हीं हैं। जबकि हड्डी रोग विशेषज्ञ एवं सर्जन डॉ व अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं है। हड्डी रोग विशेषज्ञ व सर्जन नहीं होने से आएं दिन क्षेत्र में हो रहे एक्सीडेंट से लोगों को तत्काल उपचार नहीं मिल पाने के चलते प्रयागराज रेफर कर दिये जाते है जिनमे कई तो पहुंचने से पहले ही काल के गाल में समा जाते हैं। यदि सर्जन की नियुक्ति हो जाती तो समय से बीमारों का उपचार हो जाता और लोगों का जीवन बचाया जा सकता। इतना ही नहीं अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को प्राईवेट नर्सिंग होमो में शरण लेनी पड़ती है, जहां जमकर उनका शोषण किया जाता है।
इतना ही नहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दवाओं का अभाव आम बात है, जिससे लोगों को प्राईवेट स्टोर से दवा खरीदनी पड़ती है। आश्चर्य तो इस बात का है कि सरकारी अस्पताल से लिखीं दवाएं अस्पताल के सामने स्थित स्टोर के अलावा कहीं नहीं मिलती।
शर्मशार होती महिलाएं
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पूर्व में विधायक निधि से सामुदायिक शौचालय का निर्माण तो कराया गया किन्तु दो साल बीत जाने के वावजूद भी शौचालय शुरू नहीं हो सका जिससे मरीजों को सर्मशार होना पड़ता है। इस बात अधीक्षक के बी सिंह से बात करने पर कोई सन्तोष जनक जबाब नहीं दिया गया।
वहीं डाक्टरो के आवास पूर्ण रूप से जर्जर हो चुके हैं जों रह रहकर गिर रहें हैं मरम्मत नहीं कराएं जानें के कारण कभी भी जमींदोज हो सकता है। इस सम्बन्ध में सी एम ओ प्रयागराज से बात करने का प्रयास किया गया किन्तु उनका मोबाइल नहीं उठा।

Vinod Mishra

सामाजिक सरोकारो पर सीधी पकड़ और बेबाक पत्रकारिता के लिए समर्पित...ग्लोबल भारत न्यूज़ संस्थान के लिए सेवारत

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