राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 28 नवंबर को ब्रह्माकुमारीज़ की वार्षिक थीम विश्व एकता एवं विश्वास के लिए ध्यान का करेंगी राज्य स्तरीय शुभारंभ।
लखनऊ के गुलजार उपवन राजयोग ट्रेनिंग सेंटर से चलाया जाएगा प्रदेश स्तरीय अभियान, जिसमें मुख्य अतिथि राष्ट्रपति मौजूद रहेंगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहेंगे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 28 नवंबर को ब्रह्माकुमारीज़ की वार्षिक थीम विश्व एकता एवं विश्वास के लिए ध्यान का करेंगी राज्य स्तरीय शुभारंभ।
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
प्रधान सम्पादक, ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क
लखनऊ, 26 नवम्बर।
लखनऊ के गुलजार उपवन राजयोग ट्रेनिंग सेंटर से चलाया जाएगा प्रदेश स्तरीय अभियान, जिसमें मुख्य अतिथि राष्ट्रपति मौजूद रहेंगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहेंगे।

कार्यक्रम को लेकर बुधवार को गुलजार उपवन राजयोग ट्रेनिंग सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इसमें संस्थान के अतिरिक्त महासचिव राजयोगी बीके डॉ. मृत्युंजय भाई ने बताया कि आज वैश्विक परिदृश्य में दुनिया को सबसे ज्यादा विश्व एकता और विश्वास की जरूरत है। एकता में सबसे बड़ी शक्ति है। हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम् की संस्कृति है। इसी को देखते हुए इस वर्ष ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा वार्षिक थीम विश्व एकता एवं विश्वास के लिए ध्यान रखी गई है।
उन्होंने बताया कि इस थीम के तहत संस्थान के विश्व के 140 देशों में स्थित आठ हजार से अधिक सेवा केंद्रों के माध्यम से कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी थीम का उत्तर प्रदेश का राज्य स्तरीय शुभारंभ माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जी द्वारा 28 नवंबर को दोपहर 12 बजे किया जाएगा।
डा० मृत्युंजय भाई ने कहा कि मेडिटेशन रूम में ध्यान लगाएंगी राष्ट्रपति, प्रदेश के जिला से लेकर तहसील स्तर और कस्बों में थीम पर आधारित होंगे कार्यक्रम।
उन्होंने बताया कि 70 साल पूर्व वर्ष 1955 में हजरत गंज में खुला था पहला ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेंद्र। ब्रह्माकुमारीज़ के संस्थापक ब्रह्मा बाबा और प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती ने की थी सेवाओं की शुरुआत।
उल्लेखनीय है कि 03 एकड़ जमीन पर बनाया गया है गुलजार उपवन राजयोग ट्रेनिंग सेंटर। 500 लोगों की क्षमता का कॉन्फ्रेंस हॉल। 200 लोगों की क्षमता के दो सेमीनार हॉल। 200 से अधिक लोगों के ठहरने की व्यवस्था। 05 हजार से अधिक लोगों के भोजन बनाने के लिए बड़ा भंडारा स्थापित किया गया है।
गुलजार उपवन राजयोग ट्रेनिंग सेंटर की निदेशिका बीके राधा दीदी और बीके मंजू दीदी ने बताया कि राष्ट्रपति जी के आगमन को लेकर जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं। प्रशासन के बताए अनुसार सभी प्रोटोकॉल और सुरक्षा मापदंडों को देखते हुए सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। जिला प्रशासन द्वारा लगातार कार्यक्रम को लेकर निगरानी और दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। राष्ट्रपति जी कुछ समय के लिए मेडिटेशन रूम में ध्यान भी करेंगी।
वरिष्ठ राजयोग शिक्षक बीके नथमल भाई ने भी पत्रकारों को संबोधित किया।
निदेशिका बीके राधा दीदी ने बताया कि ब्रह्माकुमारीज़ का नवनिर्मित गुलजार उपवन राजयोग ट्रेनिंग सेंटर परिसर तीन एकड़ में बनाया गया है। पहले फेज में दिव्य संस्कृति भवन का निर्माण किया गया है। जिसमें दो सेमीनार हाल बनाए गए हैं, जिसमें 200-200 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। साथ ही मेडिटेशन रूम हैं। पांच हजार लोगों के भोजन बनाने के लिए बड़े भंडारे का भी निर्माण किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस भवन में 200 से अधिक लोगों के ठहरने की व्यवस्था है। वहीं दूसरे फेज में दो हजार लोगों की क्षमता का विशाल ऑडिटोरियम का निर्माण किया जाएगा। तीसरे फेज में 300 लोगों की ठहरने की व्यवस्था के हिसाब से भवन का निर्माण किया जाएगा। दिव्य संस्कृति भवन का भूमिपूजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संस्थान की तत्कालीन मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी ने 5 नवंबर 2019 को किया था।
बीके मंजू दीदी ने बताया कि आज से 70 साल पूर्व वर्ष 1955 में हजरत गंज में संस्थान का पहला सेवाकेंद्र खोला गया था। इस दौरान कुछ समय के लिए संस्थान के संस्थापक ब्रह्मा बाबा और प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती भी उपस्थित रहे जो यहां राजयोग का संदेश देने के लिए पधारे थे।
वर्तमान में राजधानी क्षेत्र में 21 सेवाकेंद्र संचालित हैं, जिनमें 100 से अधिक ब्रह्माकुमारी बहनें समर्पित रूप से सामाजिक कल्याण के लिए सेवा में समर्पित हैं।
संस्थान के पीआरओ बीके कोमल ने बताया कि यहां से प्रदेश भर में अभियान चलाए जाएंगे और राजयोग मेडिटेशन और आध्यात्मिक ज्ञान की नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी। स्ट्रैस मैनेजमेंट के लिए प्रबंधन कौशल शिविर। बच्चों, युवाओं और महिलाओं के लिए सशक्तिकरण कार्यक्रम
– सभी समाजों और ग्रामीणों के लिए आध्यात्मिक कार्यक्रम। मूल्यनिष्ठ शिक्षा परियोजना के तहत आवासीय ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जाएंगे। पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण, मृदा संरक्षण, जल संरक्षण और प्राकृतिक खेती, जैविक-यौगिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम होंगे। हृदय रोग, डायबिटीज और नशामुक्ति के लिए भी जागरूकता कार्यक्रम होंगे।



