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उत्तरप्रदेशप्रतापगढ़

युद्व विराम में अमेरिकी राष्ट्रपति की घोषणा को लेकर संसद का विशेष सत्र और सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए- प्रमोद तिवारी

राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने जोर देकर कहा है कि देश के दो पूर्व सेनाध्यक्षों द्वारा इस पूरी स्थिति को लेकर सामने आई टिप्पणियों पर प्रधानमंत्री को स्वयं जबाब देना चाहिए।

युद्व विराम में अमेरिकी राष्ट्रपति की घोषणा को लेकर संसद का विशेष सत्र और सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए- प्रमोद तिवारी

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज

लालगंज प्रतापगढ़, 11 मई।

राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने जोर देकर कहा है कि देश के दो पूर्व सेनाध्यक्षों द्वारा इस पूरी स्थिति को लेकर सामने आई टिप्पणियों पर प्रधानमंत्री को स्वयं जबाब देना चाहिए।

राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा है कि पहलगाम में आतंकवादी हमले से उपजी स्थिति तथा आपरेशन सिंदूर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम के महत्वपूर्ण मुद्दे पर मोदी सरकार संसद का फौरन विशेष सत्र बुलायें।

उन्होने कहा है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक फिर इसलिए आवश्यक है कि पहलगाम में 26 निर्दोष देशवासियों की आतंकवादियों ने बर्बरता पूर्वक हत्या हुई और इसका भारतीय सेना अदम्य साहस के साथ मुंह तोड़ जबाब दे रही थी तब अचानक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया को संदेश दे दिया कि भारत-पाकिस्तान का युद्व विराम हो गया है।

उन्होने कहा कि पहलगाम की आतंकवादी घटना को लेकर भारत की सेना के साथ सम्पूर्ण विपक्ष व हर भारतवासी मजबूती से खड़ा था तो उस समय अमेरिकी राष्ट्रपति की जगह बेहतर होता कि युद्व विराम की घोषणा नई दिल्ली से हुई होती।

उन्होने कहा कि हर भारतवासी भी युद्व विराम की घोषणा को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद के लिए तटस्थ मंच का उल्लेख अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियों द्वारा किये जाने को लेकर खड़ें सवाल का सरकार से जबाब चाहता है।

उन्होने सवाला उठाया कि अमेरिका के राष्ट्रपति की ओर से युद्व विराम की घोषणा क्या यह सूचना थी अथवा यह अमेरिका का आदेश था।

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने यह भी सवाल उठाया है कि संघर्ष विराम की इस तरह से हुई घोषणा को लेकर देश जानना चाहेगा कि क्या हमने शिमला समझौते को छोड़ दिया है।

वही उन्होने यह भी कहा कि इस पर भी संसद में अहम चर्चा अति आवश्यक हैं क्या हमने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए दरवाजे खोल दिये है ।

उन्होने कहा कि कांग्रेस और देशवासियों का यह दृढ़ मत है कि काश्मीर जो हिस्सा अनाधिकृत रूप से पाकिस्तान के कब्जे में है , उस पाक अधिकृत कश्मीर पीओके का जर्रा-जर्रा भारत माता का अटूट हिस्सा है।

उन्होने कहा कि भारत एक सम्पूर्ण सम्प्रभुता सम्पन्न राष्ट्र है ऐसे में सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री को सम्पूर्ण विपक्ष को यह बताना होगा कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक चैनल दोबारा खोले जा रहे है। वही उन्होने कहा कि संघर्ष विराम के बाद अब देश को यह भी अवश्य मालूम होना चाहिए कि हमने पाकिस्तान से कौन सी प्रतिबद्धतायें मांगी है और हमे क्या मिला है ?

राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि मदर्स डे पर इस समय भारत वासियों को स्व0 इंदिरा गांधी के वर्ष 1971 का दौर याद आ रहा है। उन्होने कहा कि जब उस समय तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से बात करनी चाही थी तब स्व0 इंदिरा गांधी ने उनसे निर्देश लेने से साफ मना कर दिया था।

उन्होने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री स्व0 इंदिरा गांधी के कड़ें रूख को लेकर अमेरिका ने दुनिया का सबसे शक्तिशाली सातवॉ बेड़ा बंगाल की खाड़ी में उतार दिया था।

राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि भारतीय सेना का पराक्रम जारी रहा और इंदिरा गांधी देश के लक्ष्य को पूरी तरह से हासिल कर लेने तक न तो झुकी और न ही रूकी।

राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी का बयान रविवार यहां मीडिया प्रभारी ज्ञान प्रकाश शुक्ल के हवाले से निर्गत हुआ है।

DrShakti KumarPandey

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय अंग्रेजी साहित्य के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष रहे हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में टाइम्स ऑफ इंडिया, नवभारत टाइम्स और यूएनआई के पत्रकार रहे हैं। आजकल 'ग्लोबल भारत' मासिक पत्रिका और न्यूज पोर्टल के प्रधान सम्पादक हैं।

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