ब्रेकिंग
डीएम व एसपी ने जनपदवासियों को होली की शुभकामना एवं बधाई दी 'एक देश एक मतदाता सूची' का विधान हो- डॉ.नीरज त्रिपाठी युवक को घर से बुलाकर पीटा, मौत -आरोपित के घर पर शव दफनाने को लेकर अडे परिजन, आक्रोशित स्वजनों को स... प्रतापगढ़ में पूर्व प्रधान की निर्मम हत्या,हड़कम्प बकरी चोरी करने वाले 2 शातिर अभियुक्त नवाबगंज पुलिस की गिरफ्त में चोरी की 4 बकरियाँ बरामद महिला दिवस के उपलक्ष में "ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस ऑफ विमेन एडवोकेट्स" हुआ आयोजन अयोध्या में रिसेप्शन से पहले दूल्हा-दुल्हन की मौत, कमरे में दोनों के शव मिले कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में आज कांग्रेसजनों ने सांसद डॉ एस पी सिंह प... प्रतिभा सम्मान समारोह कार्यक्रमों में राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता ने मेधावियों की किया हौंसला आफजा... राष्ट्रीय लोक अदालत में 150943 वादों का किया गया निस्तारण।
उत्तरप्रदेशप्रतापगढ़

अंकुर त्रिपाठी बने कृषि वैज्ञानिक, पिता के पदचिन्हों पर चलकर कामयाबी हासिल की।

पिता डा० मनोज त्रिपाठी के मार्गदर्शन और अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने कृषि वैज्ञानिक पद के लिए आगरा कृषि विश्वविद्यालय में चयन प्राप्त कर अपने जिले का नाम रोशन किया।

अंकुर त्रिपाठी बने कृषि वैज्ञानिक, पिता के पदचिन्हों पर चलकर कामयाबी हासिल की।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज

प्रतापगढ़, 28 फरवरी।

पिता डा० मनोज त्रिपाठी के मार्गदर्शन और अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने कृषि वैज्ञानिक पद के लिए आगरा कृषि विश्वविद्यालय में चयन प्राप्त कर अपने जिले का नाम रोशन किया।

अंकुर त्रिपाठी ने इस कथन को साबित कर दिया है कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिभाएं केवल किताबों तक सीमित नहीं होतीं, वे समाज के विकास की नींव भी रखती हैं।

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के अंकुर त्रिपाठी ने इसी सोच को साकार करते हुए कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है।

बाबागंज अंतर्गत ककरा बघवाइत गांव के साधारण किसान परिवार में जन्मे अंकुर ने बचपन से ही अपने पिता डॉ. मनोज त्रिपाठी को खेतों में अनुसंधान करते देखा था।

अंकुर का यह सफर उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करने का हौसला रखते हैं।

त्रिपाठी ने अपनी सफलता पर कहा कि “मैंने हमेशा देखा कि मेरे गांव के किसान उचित मार्गदर्शन के अभाव में पारंपरिक खेती करते हैं। मेरा सपना है कि मैं नई तकनीकों और शोध के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाऊं।”

उनके पिता डॉ. मनोज त्रिपाठी, जो स्वयं एक प्रधान कृषि वैज्ञानिक हैं, ने कहा, अंकुर की सफलता केवल हमारी खुशी नहीं, बल्कि समाज के हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो विज्ञान के माध्यम से समाज को बदलना चाहता है।

अंकुर की सफलता यह साबित करती है कि यदि जुनून और समर्पण हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। वह आज की पीढ़ी को संदेश देते हैं कि “कभी भी छोटे सपने मत देखो। विज्ञान और शिक्षा के माध्यम से गांव की तरक्की ही असली सफलता है।”

त्रिपाठी का यह सफर न केवल उनके गांव, बल्कि पूरे जिले के लिए शैक्षणिक क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। उनकी सफलता युवाओं को संदेश देती है कि गांव की मिट्टी में भी सपनों की फसल लहलहा सकती है।

उनके गांव के किसान कहते हैं कि शिक्षा की रोशनी से गांव का भविष्य संवारते युवा ही समाज के असली नायक हैं।

DrShakti KumarPandey

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय अंग्रेजी साहित्य के प्रोफेसर और टाइम्स ग्रुप के पत्रकार रहे हैं, जो आजकल 'ग्लोबल भारत न्यूज' से जुड़कर राज्य संवाददाता के रूप में लेखन कार्य कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button