डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित किया।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी प्रतापगढ़ के पदाधिकारियों ने जिला मुख्यालय पर अंबेडकर चौराहे पर स्थित डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित किया।

डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित किया।
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज
प्रतापगढ़, 14 अप्रैल।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी प्रतापगढ़ के पदाधिकारियों ने जिला मुख्यालय पर अंबेडकर चौराहे पर स्थित डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित किया।
भारत के संविधान निर्माता, महान चिंतक बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जन्मदिवस के अवसर पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला कमेटी प्रतापगढ़ का एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें प्रमुख रूप से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य परिषद के सदस्य हेमंत नंदन ओझा, जिला मंत्री रामबरन सिंह, वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता रामदुलार यादव ,जितेंद्र बहादुर सिंह,जिला सहसचिव निर्भय प्रताप सिंह, विवेक श्रीवास्तव ,विनोद मिश्रा, लालचंद, डॉक्टर जाकिर हुसैन मनोज पांडे आदि ने कार्यक्रम में भाग लिया।
इसके बाद जिला कचहरी में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि केवल राजनीतिक समानता संविधान ने दिया है लेकिन जब तक आर्थिक समानता नहीं होगी राजनीतिक समानता नहीं बनी रह सकेगी।
उन्होंने यह भी कहा था कि कितना भी अच्छा संविधान हो किंतु यदि बुरे लोगों के हाथ में हो तो अच्छा संविधान भी बुरा हो जाता है। उन्होंने समय रहते देश को आने वाली चुनौतियां से अवगत करा दिया था।
उन्होंने कहा कि आज असमानता की वृद्धि हो रही है गरीब और गरीब हो रहा है और पूंजी केंद्रीय कृत हो रही है सार्वजनिक प्रतिष्ठान बेचे जा रहे हैं संवैधानिक संस्थाओं को भारी खतरा उत्पन्न है और भारतीय संविधान पर भी घोर संकट है।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भारत ने जिस लोकतांत्रिक व्यवस्था को अपनाया और जो संविधान स्वीकार किया गया उसमें दिए गए अधिकार से वर्तमान पूंजीवादी सांप्रदायिक फास्टेस्ट वादी सरकार देश के गरीबों मजदूरों वंचितों को उनके अधिकारों से वंचित करना चाहती है यह जरूरी है कि देश के आम लोग कमजोर गरीब किसान मजदूर धर्म जात से ऊपर उठकर संवैधानिक संस्थाओं भारतीय संविधान सार्वजनिक संस्थाओं की रक्षा के लिए लामबंद हो।