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उत्तरप्रदेशप्रतापगढ़

पुलिस ने डिजिटल मर्डर का किया खुलासा,फर्जी क्राइम ब्रांच बनकर आरोपियों ने फैलाया था अपना जाल

यह एक सिर्फ आनलाइन धोखाधड़ी नहीं है बल्कि डिजिटल मर्डर-- एसपी डॉ०अनिल कुमार।

ब्लैकमेलिंग गैंग का पर्दाफाश, पुलिस ने किया तीन गिरफ्तार, एक बाल अपचारी पुलिस अभिरक्षा में,चार अब भी फरार

गौरव तिवारी जिला संवाददाता प्रतापगढ़।

प्रतापगढ़। अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी)दुर्गेश कुमार सिंह ने प्रेसवार्ता कर साइबर अपराधियों के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है,जो खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी देकर वसूली करता था। इस गिरोह के शिकार हुए ज्ञानदास नामक युवक ने मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली, जिसे पुलिस ने ‘डिजिटल मर्डर’ करार दिया है। मामले की जानकारी होने पर पुलिस अधीक्षक डा.अनिल कुमार ने अपनी स्पेशल टीमों को लगाकर राजफास किया और अभियुक्तों को धर दबोचा।

कैसे बनाया ब्लैकमेलिंग का शिकार? क्या था पूरा मामला।

एएसपी पूर्वी दुर्गेश कुमार सिंह ने बताया कि मृतक ज्ञानदास के भाई प्रेमदास ने पुलिस को दी गई शिकायत में यह बताया था कि अज्ञात लोगों ने उनके भाई को डिजिटल माध्यम से फंसाकर पैसे ऐंठे। बैंक खातों और कॉल डिटेल्स की जांच में सामने आया कि ज्ञानदास ने बार-बार अलग-अलग लोगों को ऑनलाइन भुगतान किया था।

  • एएसपी पूर्वी दुर्गेश कुमार सिंह की बाइट – 

ब्लैकमेलरों ने उसे लगातार कॉल कर धमकाया, झूठे मुकदमों और जेल भेजने का डर दिखाकर अवैध वसूली की। जब ज्ञानदास के पास पैसे खत्म हो गए, तो उसने अपने घर के गहने तक गिरवी रख दिए और उधारी लेकर भी आरोपियों के खाते में पैसे ट्रांसफर किए । मानसिक तनाव और आर्थिक शोषण से तंग आकर उसने बीते 30 जनवरी 2025 को आत्महत्या कर ली । इस संबंध में थाना फतनपुर में मु0अ0सं0-28/2025 धारा 61(2), 108, 308(5), 318(4), 338, 336(3), 340(2) बीएनएस पंजीकृत किया गया था ।

फर्जी क्राइम ब्रांच के नाम लोगों से ठगी और करते थे ब्लैकमेलिंग–

बीते 7 फरवरी 2025 को उपनिरीक्षक शैलेश यादव मय टीम के साथ अभियुक्तों की तलाश में सर्विलांस कार्यालय प्रतापगढ़ पहुंचे । जांच में मोबाइल नंबर 8173063758 की डिटेल खंगाली गई, जिससे पता चला कि यह नंबर रोहित प्रजापति, निवासी भीमसेन, जनपद कानपुर नगर, के नाम पंजीकृत था । पुलिस ने तुरंत लोकेशन ट्रैक कर कानपुर नगर में छापा मारा।सर्विलांस टीम के आरक्षी सनोज कुमार की मदद से पुलिस ने भीमसेन से रेवरी जाने वाले रोड के किनारे खेल मैदान के पास चार संदिग्ध व्यक्तियों को गिरफ्तार किया,जबकि चार अन्य मौके से फरार हो गए। गिरफ्तार अभियुक्तों में रोहित प्रजापति, अभिमत सिंह चौहान और वीर प्रताप सिंह व एक बाल अपचारी शामिल हैं। पुलिस को मौके से फर्जी क्राइम ब्रांच आईडी कार्ड, कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई।

गिरफ्तार आरोपियों से हुई बरामदगी —

फर्जी क्राइम ब्रांच आईडी कार्ड जिनसे अभियुक्त खुद को पुलिस अधिकारी दिखाकर लोगों को डराते थे। मोबाइल फोन और सिम कार्ड जिनसे फर्जी नंबरों से लोगों को धमकाने और ब्लैकमेलिंग के लिए इस्तेमाल किए जाते थे। बैंक ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड – फोनपे, पेटीएम और अन्य डिजिटल माध्यमों से पैसे ऐंठे गए। गहनों के बिल और बैंक रसीदें,16030 रुपये भी बरामद हुए है ।

इस पूरे घटनाक्रम पर पुलिस अधीक्षक डा. अनिल कुमार ने कहा यह सिर्फ एक आनलाइन धोखाधड़ी का मामला नहीं,बल्कि डिजिटल मर्डर है।अभियुक्तों ने पीड़ित को इतना मानसिक रूप से प्रताड़ित किया कि वह अपनी जान देने पर मजबूर हो गया। ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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