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यूपी सरकार का बड़ा फैसला: अब नहीं पास कराना होगा नक्शा, जानिए नए बिल्डिंग बायलॉज की खासियतें

अब 1000 वर्गफीट तक के प्लॉट पर भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होगी

उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला: अब नहीं पास कराना होगा नक्शा

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के लोगों को बड़ा तोहफा दिया है। अब 1000 वर्गफीट तक के प्लॉट पर भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होगी। जबकि 5000 वर्गफीट तक आर्किटेक्ट का सर्टिफिकेट ही काफी होगा।

नए बिल्डिंग बायलॉज की खासियतें

– अब मकान में 25% हिस्से में नर्सरी, क्रैंच या होम स्टे चलाने के लिए मानचित्र में अलग से जिक्र करने की जरूरत नहीं है।
– मानचित्र पास करने के लिए हर विभाग को एनओसी देने की समय सीमा तय कर दी गई है, जो 7 से 15 दिन होगी।
– छोटे प्लॉट पर बन सकेंगे अपार्टमेंट, अब तक अपार्टमेंट बनाने के लिए 2000 वर्गमीटर क्षेत्रफल के प्लॉट की जरूरत होती थी, लेकिन अब महज 1000 वर्गमीटर के प्लॉट पर भी इसकी मंजूरी मिल जाएगी।
– हॉस्पिटल और कमर्शियल बिल्डिंग के लिए 3000 वर्गमीटर का प्लॉट पर्याप्त होगा।
– 24 मीटर चौड़ी सड़क पर आवास में खुल सकेंगी दुकान और दफ्तर, वहीं फ्लोर एरिया रेशियो 3 गुना तक बढ़ाया गया है।
– 45 मीटर चौड़ी सड़क पर जितनी ऊंची चाहें उतनी ऊंची इमारत बना सकेंगे।

*आवास विभाग की पहल*

उत्तर प्रदेश आवास विभाग ने नए बिल्डिंग बायलॉज को मंजूरी दे दी है। इससे आम आदमी को बड़ी राहत मिलेगी। उत्तर प्रदेश आवास विभाग की वेबसाइट पर लगभग ढाई सौ पन्ने की भवन उपविधि अपलोड की गई है। नए नियमों के अनुसार:
– अब रिहायशी इलाकों में हो सकेगी कॉमर्शियल एक्टीविटी, विकास प्राधिकरण क्षेत्र के रेजिडेंशियल लैंडयूज में किसी तरह का व्यावसायिक निर्माण मान्य नहीं था, लेकिन अब 24 मीटर से अधिक चौड़ी सड़क पर कॉमर्शियल निर्माण रिहायशी में भी किया जा सकेगा।

*नियमों में बदलाव का उद्देश्य*

नियमों में बदलाव का उद्देश्य आम लोगों को राहत प्रदान करना और भवन निर्माण को बढ़ावा देना है। नए नियमों से नक्शा पास कराने में होने वाली धन उगाही भी रुकेगी।

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