राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता ने सुरक्षा मापदण्डों और नियमों में बदलाव को लेकर चिंता जताई।
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने पाकिस्तान के सीमावर्ती कच्छ सीमा से महज एक किलोमीटर दूर बड़े सोलर और विंड पावर प्लांट के निर्माण को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर बताया है।

राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता ने सुरक्षा मापदण्डों और नियमों में बदलाव को लेकर चिंता जताई।
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज
लालगंज, प्रतापगढ़; 13 फरवरी।
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने पाकिस्तान के सीमावर्ती कच्छ सीमा से महज एक किलोमीटर दूर बड़े सोलर और विंड पावर प्लांट के निर्माण को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर बताया है।
उन्होनें इस मामले में सीधे प्रधानमंत्री की घेराबंदी करते हुए कहा है कि
उनका आरोप है कि पीएम मोदी ने अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में खतरनाक समझौता किया है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सरहदों की रक्षा के मददे नजर भारत पाकिस्तान सीमा से दस किलोमीटर तक मौजूदा गांवों और सड़को को छोडकर किसी भी बड़े निर्माण की अनुमति नहीं दी गयी है।
उन्होनें कहा कि सिर्फ अडानी को सस्ती जमीन देने के लिए इतना बड़ा राजनैतिक फैसला हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे मे डाल सकता है।
बकौल राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी असल में हुआ ऐसा कि गुजरात के कच्छ क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एसईसीआई को गुजरात सरकार ने एक नवीनीकरण ऊर्जा पार्क के लिए तेईस हजार हेक्टेयर भूमि आवंटित की थी।
उन्होने कहा कि इस आवंटन में एक बाधा यह थी कि एसईसीआई को आवंटित जमीन भारत पाकिस्तान सीमा के काफी करीब थी। उन्होने कहा कि वहां रक्षा प्रतिबन्धों का मतलब था कि उस जमीन पर केवल विंड टरबाइन ही बन सकता था। सोलर पैनल नहीं लग सकता था।
उन्होनें कहा कि एसईसीआई का कहना था कि इन बंदिशों की वजह से यह परियोजना पूर्ण होने में दिक्कत में है।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी के मुताबिक अप्रैल, 2023 में गुजरात के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर इस मामले को रक्षा मंत्रालय के साथ उठाने को कहा। उन्होनें कहा है कि इस संदर्भ में गुजरात सरकार के सोलर व विंड प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बीती इक्कीस अप्रैल, 2023 को दिल्ली में एक गोपनीय सरकारी बैठक बुलायी गयी। उन्होने कहा कि इस बैठक में सैन्य संचालन महानिदेशक, गुजरात न्यू एण्ड रिन्यूबल एनर्जी मंत्रालय के अधिकारियों के अलावा एसईसीआई ने भी भाग लिया।
विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा है कि एक रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों द्वारा अर्न्तराष्ट्रीय सीमा पर टैंक मूवमेण्ट और सुरक्षा निगरानी में सोलर पैनलों से दिक्कतें आने की आशंकायें जतायी गयी थी।
उन्होनें कहा कि डेवलपर्स ने आश्वासन दिया कि दुश्मन की टैंक गतिविधियों को देखने में सोलर पैनल बाधा नहीं बनेंगे।
उन्होनें कहा कि इसके बाद सोलर पैनल के साइज में बदलाव की सैन्य अधिकारियों के अनुरोध को डेवलपर्स ने खारिज कर दिया था। उन्होनें कहा कि बैठक के अन्त में रक्षा मंत्रालय ने सोलर पैनलों को दो किलोमीटर और विंड टरबाइनों को पाकिस्तान से एक किलोमीटर के करीब की अनुमति को आठ मई 2023 को मोदी सरकार ने औपचारिक रूप से फैसला भी दे दिया था।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि नियमों मे परिवर्तन के लिए सभी मंत्रालयों को एक अधिसूचना जारी की गयी।
उन्होनें सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि तीन महीने बाद कंपनी ने नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर जमीन वापस कर दी।
उन्होनें कहा कि इसके बाद गुजरात सरकार ने इसे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के लिए आरक्षित करने के अपने पहले के फैसले को पलटा और इसे अडानी को आवंटित कर दिया।
विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा है कि इस तरह से केन्द्र की मोदी सरकार और गुजरात की भाजपा सरकार ने पूरी सांठ गांठ से जमीन अन्ततोगत्वा अडानी को सौंप ही दी।
उन्होनें कहा कि नियम मे राहत न केवल भारत पाकिस्तान सीमा पर बल्कि बांग्लादेश, चीन, म्यांमार और नेपाल से सटी सरहद पर भी कर दी गयी।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी का यह बयान मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से यहां गुरूवार को निर्गत किया गया है।