मनरेगा नाम परिवर्तन को लेकर वामपंथी दलों का सामूहिक प्रदर्शन।
सभी वामपंथी दलों ने आक्रोश प्रदर्शन के बाद महामहिम राष्ट्रपति महोदया को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी प्रतापगढ़ के माध्यम से प्रेषित किया।

मनरेगा नाम परिवर्तन को लेकर वामपंथी दलों का सामूहिक प्रदर्शन।
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क
प्रतापगढ़, 22। दिसम्बर।
सभी वामपंथी दलों ने आक्रोश प्रदर्शन के बाद महामहिम राष्ट्रपति महोदया को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी प्रतापगढ़ के माध्यम से प्रेषित किया।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 जिसे संक्षेप में मनरेगा संबोधित किया जाता है को बदलकर विकसित भारत रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन जो संक्षेप में वी जी राम जी के नाम से संबोधित किया जाएगा। इस बिल को केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा में लाने और उसे लागू करने के प्रयासों पर देश के वामपंथी दलों भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिन वादी एवं फारवर्ड ब्लाक के आवाहन पर आज जिला मुख्यालय प्रतापगढ़ पर जिलाधिकारी कार्यालय पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी , भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी और यस यू सी आई communist के कार्यकर्ताओं द्वारा एक आक्रोश प्रदर्शन किया गया।
ज्ञापन में मुख्य रूप से विकसित भारत रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन ग्रामीण बिल को तत्काल प्रभाव से वापस लिए जाने, महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी एक्ट 2005 मनरेगा को अधिनियम के रूप में बदस्तूर जारी रखे जाने, MANREGA में भारत सरकार और प्रांतीय सरकारों द्वारा दिए जाने वाले पुराने बजट व्यवस्था को जारी रखे जाने, खेत एवं ग्रामीण मजदूरों को वर्ष में 200 दिन काम और प्रतिदिन₹600 न्यूनतम गारंटी शुदा मजदूरी दिए जाने, खेत एवं ग्रामीण मजदूरों को 55 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर ₹10000 प्रति माह पेंशन की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने, खेत और ग्रामीण मजदूरों के सामाजिक सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित किए जाने, आजादी के महानायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर बने एक्ट मनरेगा को समाप्त करके लाए जा रहे विकसित भारत रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन ग्रामीण बिल पर रोक लगाने के साथ ही भाजपा केंद्र सरकार के द्वारा हिंदू राष्ट्र बनाने की तरफ आगे बढ़ने की साजिश पर अभिलंब रोक लगाए जाने की मांग की गयी।
प्रदर्शन करने वालों में प्रमुख रूप से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला मंत्री राजमणि पांडे ,राज्य परिषद के सदस्य हेमंत नंदन ओझा, पूर्व जिला मंत्री रामबरन सिंह, सहायक जिला मंत्री निर्भय प्रताप सिंह, मंत्री परिषद सदस्य आर डी यादव अशोक कुमार पाल, राजेंद्र कुमार, महाबली मौर्य, रामस्वरूप, सुरेश चंद शर्मा, आलोक सिंह, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के जिला मंत्री आशुतोष शुक्ला, मोहम्मद दानिश ,अजय कुमार पांडे, राम आधार, एस यू सी आई के प्रवीण विश्वकर्मा लल्लू रामपाल, अशोक प्रजापति, बजरंग सिंह, भगत यादव आदि प्रमुख रूप से थे।
प्रदर्शनकारी मुख्य रूप से मनरेगा अधिनियम को वापस लेने को रद्द किए जाने, वामपंथी एकता जिंदाबाद, किसान मजदूर एकता जिंदाबाद, इंकलाब जिंदाबाद, मोदी सरकार मुर्दाबाद आदि नारे लगा रहे थे।
जिला प्रशासन की ओर से उप जिलाधिकारी ने प्रदर्शन स्थल पर आकर ज्ञापन लिया। ज्ञापन में मांगो के अतिरिक्त मुख्य रूप से कहा गया है कि मनरेगा एक्ट में 90% बजट भारत सरकार और 10% बजट प्रदेश सरकार देती रही है उसके ठीक विपरीत इसे गारंटी मिशन में बदले जाने पर 60% बजट केंद्र सरकार का और 40% बजट राज्य सरकार को व्यवस्था करनी होगी जो अनेक राज्य सरकारों के लिए संभव नहीं है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार लंबे समय से राज्य सरकारों को जो विपक्षी दलों की सरकारे हैं उन्हें उनके हिस्से के टैक्स का धन नहीं दे रही है ऐसे में विपक्षी सरकारों में गारंटी मिशन को लागू करना पूर्ण रूप से असंभव हो जाएगा यही नहीं भविष्य में भी किसी भी केंद्र सरकार द्वारा भेदभाव बरते जाने पर इसका प्रभाव देश की गरीब जनता और मजदूरों पर पड़ेगा जो किसी भी दशा में उचित नहीं है। केंद्र सरकार की नीति जन विरोधी है वास्तव में मनरेगा अधिनियम को और मजबूत किए जाने की आवश्यकता है।
प्रदर्शन और ज्ञापन दिए जाने के बाद प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से वामपंथी दलों की ओर से कहा गया है कि यदि केंद्र सरकार इस तरफ और आगे बढ़ती है तो देश के करोड़ों मजदूरो को इसके विरुद्ध मजबूती से लामबंद करके कम्युनिस्ट पार्टी जन आंदोलन करेगी।



