सांगीपुर खंड में श्री विजयदशमी उत्सव एवं पथ संचलन।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रतापगढ़ विभाग के विभाग बौद्धिक शिक्षण प्रमुख डॉ सौरभ पाण्डेय उपस्थित रहे।

सांगीपुर खंड में श्री विजयदशमी उत्सव एवं पथ संचलन।
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क
प्रतापगढ़, 12 अक्टूबर।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रतापगढ़ विभाग के विभाग बौद्धिक शिक्षण प्रमुख डॉ सौरभ पाण्डेय उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की यात्रा के 100 वर्ष पूर्ण होने पर संघ शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। इस क्रम में सांगीपुर खंड में श्री विजयदशमी उत्सव एवं पथ संचलन का आयोजन किया गया।
शस्त्र पूजन के पश्चात अपने उद्बोधन में डॉक्टर सौरभ पाण्डेय ने कहा कि आज समाज के प्रत्येक क्षेत्र में संघ के कार्यकर्ताओं के द्वारा सेवा के कार्य किया जा रहे हैं। जीवन का कोई भी क्षेत्र हो संघ के कार्यकर्ता प्रत्येक क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं।
शताब्दी वर्ष हम सभी के लिए संकल्प का अवसर है। इस कालखंड की यात्रा संघर्ष पूर्ण रही है। इस यात्रा में संघ के ऊपर तीन बार प्रतिबंध लगे, उपेक्षा और विरोध का भी सामना करना पड़ा है। लेकिन इन सब के बीच भी स्वयंसेवकों का मनोबल बना रहा और राष्ट्र के प्रति समर्पण के भाव को सशक्त बनाए रखते हुए यह यात्रा आगे की ओर चली है जहां समाज संगठन के साथ खड़ा दिखाई पड़ता है। संघ की यात्रा अनवरत चलती रही, संघ का कार्यकर्ता राष्ट्र के प्रति पूर्ण समर्पण भाव से निस्वार्थ बुद्धि से काम करता है।
शताब्दी वर्ष में संगठन ने पंच परिवर्तन के रूप में कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण, स्व जागरण और नागरिक कर्तव्य के विषय के माध्यम से समाज जागरण का कार्य आरंभ किया है। राष्ट्र सशक्त हो, समृद्ध हो यह हम सब स्वयंसेवकों की कामना है।
आज भारत सशक्त है, भारत के प्रति पूरा विश्व सहयोग की भावना से देख रहा है। यह सब कुछ स्वयंसेवकों के समर्पण के बल पर संभव हुआ है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता रामलाल ने किया। इस अवसर पर जिला संघचालक देवेंद्र, जिला प्रचारक सूरज, सह जिला कार्यवाह शिवम, खंड संघचालक आशुतोष, सह खंड संघचालक फणीश, खंड कार्यवाह विमलेश, सह कार्यवाह हिमांशु, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष के के सिंह, छोटे सरकार, विपुल मिश्रा, विनोद मिश्रा, शिवम सिंह आदि सहित स्वयंसेवक और अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे |