प्रतापगढ़ में छात्र की आत्महत्या पर प्रबन्धक व प्रधानाचार्य के उत्पीड़न का मुद्दा उठा विधान परिषद में।
शिक्षक एमएलसी उमेश चन्द्र द्विवेदी ने सरकार का ध्यानाकर्षण करते हुए कहा कि पुलिस ने बिना प्रारंभिक जांच के प्रबंधक एवं प्रधानाचार्य के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

प्रतापगढ़ में छात्र की आत्महत्या पर प्रबन्धक व प्रधानाचार्य के उत्पीड़न का मुद्दा उठा विधान परिषद में।
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज
लखनऊ, 4 मार्च।
शिक्षक एमएलसी उमेश चन्द्र द्विवेदी ने सरकार का ध्यानाकर्षण करते हुए कहा कि पुलिस ने बिना प्रारंभिक जांच के प्रबंधक एवं प्रधानाचार्य के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
शिक्षक विधायक उमेश चन्द्र द्विवेदी ने प्रदेश सरकार का घटना की सीबीसीआईडी अथवा स्वतंत्र जांच एजेन्सी से जांच कराए जाने के लिए ध्यानाकर्षण किया है।
विधान परिषद में वक्तव्य देते हुए छात्र की आत्महत्या के मामले में प्रबंधक तथा प्रधानाचार्य के उत्पीड़न का मुददा मंगलवार को विधान परिषद में जोर शोर से उठाया गया।
जिले से शिक्षक विधायक उमेश द्विवेदी ने विधान परिषद में यह मामला उठाते हुए सरकार से पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग उठाई।
शिक्षक एमएलसी ने सरकार का ध्यानाकर्षण करते हुए कहा कि पुलिस ने बिना प्रारंभिक जंाच के प्रबंधक एवं प्रधानाचार्य के विरूद्ध एफआईआर दर्ज किया है।
उन्होनें सरकार से इस मामले की जांच सीबीसीआईडी अथवा किसी स्वतंत्र एजेन्सी से कराए जाने पर भी जोर दिया।
विधान परिषद में लोक महत्व के सवाल को नियम एक सौ दस के अन्तर्गत शिक्षक विधायक उमेश द्विवेदी ने प्रतापगढ़ के जेठवारा थानान्तर्गत साधुरी शिरोमणि इण्टर कालेज में छात्र शिवम की आत्महत्या की घटना में प्रधानाचार्य व प्रबंधक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने को लेकर पुलिस की भूमिका पर सवाल दागा।
उन्होनें कहा कि एफआईआर में आत्महत्या का कारण विद्यालय प्रशासन द्वारा फीस बकाया होने के कारण प्रवेश पत्र न दिये जाने बताया गया है।
बकौल शिक्षक विधायक उमेश द्विवेदी इसी विद्यालय में दो दर्जन से अधिक दस से पन्द्रह हजार रूपये फीस बकाए के विद्यार्थियों को प्रवेश पत्र दिया गया।
उन्होनें पुलिस की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हुए कहा कि छात्र ने किसी अन्य कारण से आत्महत्या की।
शिक्षक विधायक उमेश द्विवेदी ने कहा कि प्रशासन ने अभी तक न तो मृतक छात्र का मोबाइल जांच के लिए हासिल किया और न ही विद्यालय परिसर में लगे सीसी टीवी फुटेज एवं वॉयस रिकार्डर की कोई जांच की है।
उन्होनें कहा कि छात्र की आत्महत्या के बाद कुछ लोगों द्वारा षडयन्त्रपूर्वक इस घटना का दोष विद्यालय प्रशासन पर मढ़ दिया गया ।
उन्होने कहा कि जब विद्यालय प्रशासन ने इस आरोप को अस्वीकार किया तो झूठी एफआईआर दर्ज करा दी गयी।
उन्होनें सदन के जरिए सरकार को बताया कि प्रबंधक व प्रधानाचार्य के खिलाफ एफआईआर को लेकर प्रतापगढ़ जनपद ही नहीं प्रदेश भर के शिक्षकों व प्रबंधकों में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है।
उन्होनें सरकार से इस घटना की जांच जेठवारा पुलिस से हटाकर स्वतंत्र एजेन्सी से कराए जाने की मांग पर भी जोर दिया है।