शस्त्र पूजन के बहाने राजा का ज़बाब शास्त्र और शस्त्र से मजबूत है राजघराना
खतरनाक हथियारों का जखीरा होने के दावे के जबाब में सैकड़ों की संख्या में वैध शस्त्रों का पूजन, पूर्व में हुई घोषणा के तहत खुले में आयोजित हुआ शस्त्र पूजन

शस्त्र पूजन के बहाने राजा का ज़बाब शास्त्र और शस्त्र से मजबूत है राजघराना
खतरनाक हथियारों का जखीरा होने के दावे के जबाब में सैकड़ों की संख्या में वैध शस्त्रों का पूजन, पूर्व में हुई घोषणा के तहत खुले में आयोजित हुआ शस्त्र पूजन
ग्लोबल भारत डेस्क : राजे रजवाड़ों में आदि काल से शस्त्र पूजन की परंपरा रही है और आज भी विजयादशमी के शस्त्रों की पूजा का प्रावधान निरंतर जारी है। बेंती रियासत से आज पहली बार शस्त्र पूजन की ऐसी तस्वीरें निकल कर सामने आई है, वैसे शस्त्र पूजन तो हर वर्ष हुआ करता था लेकिन इस बार मामला जरा ज़बाब देने वाला बन गया था इसलिए खुले आसमान के नीचे यह कार्यक्रम किया गया। इस शस्त्र पूजन की औपचारिक घोषणा पहले ही कर दी गई थी। जब रियासत की रानी ने राजा भैया पर घातक और सामूहिक विनाश के हथियारों के राजा भैया के पास डंप होने का बात सोशल मीडिया पर साझा किया था। रानी भानवी सिंह की पोस्ट के जवाब में प्रतापगढ़ के एमएलसी गोपाल जी दशहरा पर शस्त्र पूजन की बात कहते हुए बोला था कि जिसे देखना दिखाना हो वह दशहरा को आकर देखे कि राजा भैया और उनके समर्थकों, नौकरों के पास खुद के कई जायज हथियार हैं तो उन्हें अवैध शस्त्र रखने की क्या आवश्यकता है। दशहरा पर शस्त्र पूजन के समय राजा भैया और समर्थकों के हथियारों को देख जा सकता है। आज उसी क्रम में राजा भैया के बेंती महल में सैकड़ों की संख्या में शस्त्रों का पूजन किया गया।
राजा रानी की लड़ाई समर्थकों पर धर्म संकट बन आई
राजा भैया और रानी के बीच का मन मुटाव अब बड़ा स्वरूप लेता जा रहा है, उस पर उनके बच्चों का इस विवाद का हिस्सा बनना कुंडा के लोगों के लिए धर्म संकट जैसे बन गया है। सोशल मीडिया पर आरोप प्रत्यारोप की बातें उनके सहज हृदय समर्थकों को बड़ी नागवार लगती है। आम लोगों से ये बात पूछी गई तो उनका कहना है कि राजा भैया के परिवार की कुशलता और उन्नति की कामना हर कुंडा वासी समेत देश दुनिया में फैले राजा के समर्थक चाहते है और इस घरेलू विवाद का राजनीतीकरण होंने से वह आहत है। लेकिन वक्त है कि उन्हें ऐसे दिन दिखा रहा है जिसकी कल्पना भी किसी समर्थक ने नहीं किया था।