बिहार ब्लॉक के नारंगपुर में जाँच टीम पहुंचने से मचा हुआ है हड़कम्प
प्रधान के गुर्गों ने जांच में डाली थी बाधा शिकायत कर्ता ने लगाया गंभीर आरोप, जांच करने आई टीम भी जवाब देने से कतरा रही तो क्या फिर हो जाएगा खेल ?

बिहार ब्लॉक के नारंगपुर में जाँच टीम पहुंचने से मचा हुआ है हड़कम्प
प्रधान के गुर्गों ने जांच में डाली थी बाधा शिकायत कर्ता ने लगाया गंभीर आरोप, जांच करने आई टीम भी जवाब देने से कतरा रही तो क्या फिर हो जाएगा खेल ?
प्रतापगढ़ : बिहार ब्लाक के राजस्व गांव नारंगपुर में तमाम अनियमितताओं और विकास कार्यों में हुए व्यापक भ्रष्टाचार के शिकायत की जांच करने आई टीम को प्रधान के गुर्गों ने जांच कार्य में अवरोध किया। व्यवस्था से हताश शिकायत कर्ता ने कैमरे पर बयान देकर सनसनी खेज आरोप लगाया कि जांच टीम के कार्यों में प्रधान समर्थकों ने बाधा पंहुचाई जिसके चलते निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
बताते चलें कि ग्राम सभा के ही रहने वाले शिकायत कर्ता धनकेश यादव और जंग बहादुर सरोज ने ग्राम प्रधान पर सरकारी धन का बंदरबाँट करने का आरोप लगाते प्रतापगढ़ जिलाधिकारी से लिखित रूप में किया जिसकी जांच के लिए डीएम प्रतापगढ़ ने टीम गठित करके जाँच के लिए टीम भेजा था।
क्या है आरोप जिस पर शुरू हुई जांच
शिकायत कर्ता धनकेश और जंग बहादुर का आरोप है की हमारी ग्राम सभा में बगैर कार्य कराएं ही धन निकाला गया है और एक ही कार्य पर कई बार भुगतान करके बंदरबांट कर लिया गया। इसके साथ ही प्रधान पर और कई अन्य मदो में भ्र्ष्टाचार करने का आरोप लगाया है। जिनमें महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे, नल रिबोर, प्रधानमंत्री आवास योजना, नाली निर्माण आदि कार्यों में और एक ही कार्य पर एक से अधिक बार भुगतान लेने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए जिले के आला अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई थी जिसकी जांच के लिए पहुंची टीम को प्रधान के समर्थकों द्वारा सटीक जांच नहीं करने दिया गया। अब सवाल ये है कि अगर जांच दल को उनके कार्यों से बाधित कर दिया जाय तो जांच की उम्मीद बेइमानी ही होगी।
सूत्रों ने बताया कि जांच टीम के सामने शिकायत करने वालों ने जब मुखरता से अपनी बात रखी तो समर्थकों को ये बात नागवार लगी और यहीं से अवरोध की बात सामने आई। जांच टीम के वापस जाने पर हताश शिकायतकर्ता जांच से संतुष्ट न होने पर अपनी बात पत्रकारों के सम्मुख रख कर कहा कि इस जांच का कोई मतलब नहीं रह गया जब जांच करने ही नहीं दिया गया। उन्होंने ये भी कहा कि यदि हमें न्याय न मिला तो हम कुंडा के मुखिया राजा भैया से मिलकर न्याय की इस जांच को उसके अंजाम तक पहुंचाने की गुहार लगाऊंगा। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से बात न बनी तो न्यायालय तक मामले को पहुंचाकर ग्रामीणों के पैसे की इस लूट का पर्दाफाश करवाएंगे। अब इस आरोप के बाद क्या शिकायत करने वालो को न्याय की उम्मीद कायम रहती है या मामला दब के रह जाएगा। वैसे भी प्रजातांत्रिक व्यवस्था में जांच तो होती ही रहती है।




