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राष्ट्रीय सद्भावना समारोह आयोजित किया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रतापगढ़ नगर के वीर सावरकर बस्ती में विजयादशमी उत्सव। लायंस क्लब प्रतापगढ़ हर्ष एवं शक्ति का संयुक्त अधिष्ठापन समारोह संपन्न। प्रतापगढ़ नगर की सगरा अष्टभुजा नगर बस्ती में श्री विजयदशमी उत्सव। संघ का उद्देश्य है धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो- सुभाष जिला कचहरी में व्याप्त समस्याओं को लेकर महिला अधिवक्ताओं की एक बैठक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भव्य पथ संचलन मांधाता बाजार में संपन्न। अर्जुन बस्ती में विजयादशमी उत्सव व पथ संचलन। सांगीपुर खंड में श्री विजयदशमी उत्सव एवं पथ संचलन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष विजयादशमी उत्सव शिवाजी बस्ती, माधव नगर में सम्पन्न।
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विलुप्त हो रहे तालाब सो रहा प्रशासन कैसे होगा भुगर्भ के जल स्तर का संरक्षण

बढ़ रही जल समस्याओं से अंजान बना प्रशासन, गायब हो रहे हैं धरती को जल देने वाले तालाब

विलुप्त हो रहे तालाब सो रहा प्रशासन कैसे होगा भुगर्भ के जल स्तर का 

 

 

बढ़ रही जल समस्याओं से अंजान बना प्रशासन, गायब हो रहे हैं धरती को जल देने वाले तालाब

 

ग्लोबल भारत डेस्क : गर्मी के दस्तक देते ही जल संरक्षण और भुगर्भ के जल स्तर पर चर्चाएं और चिंतन शुरु हो जाता है। मोदी सरकार ने इसी दिशा मे बड़ा कदम उठाते हुए अमृत सरोवर तालाबों के संरक्षण के लिए ग्राम पंचायतो को दोनो हाथों से बजट दिया। अमृत सरोवर तालाब बनाये गये लेकिन असल खेल यही हुआ की तालाबों की प्यास बुझाने के लिए जिम्मेदार लोगों ने अपना काम नही किया परिणाम स्वरूप अमृत तालाब खुद अपनी प्यास बुझा नही पाये तो दूसरों के लिए जल सेवा कैसे करेंगे। ये सिर्फ सोचने का विषय नही बल्कि मजबूत इच्छाशक्ति से काम करने का विषय है।

प्रतापगढ़ के कुंडा मे लगातार गायब हो रहे तालाब

प्रतापगढ़ जनपद के कुंडा तहसील मे दिनोदिन तालाबों का विलुप्त होना खतरे की घंटी बजा रहा है लेकिन इस पर कोई प्रभावी कार्यवाई नही हो रही है। नगर पंचायत कुंडा मे, कस्बे से सते हुए बरई के गांव बरई मे 45 बीघे तालाब मे 15 बीघे तालाब पर कब्ज़ा हो गया है, बिहार ब्लाक के भीखापुर कानेडीह, देवरपट्टी, कुंडा ब्लाक के मलाका राजाकपुर मे बीस बीघे से अधिक तालाब गायब चल रहे है।

बरई गांव के प्रधान भुट्टो हाफिज से इस संदर्भ मे बात की गयी तो उन्होंने भी हमारी खोजी रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए बताया की उनके गांव मे तालाबों को बचाने के किये प्रशासन संजीदा नही होता है तो बचे हुए तालाब कितने दिन बचे रहेंगे ये वक्त ही बता पायेगा। उनके गांव के एक रसुखदार ने कूट रचित दस्तावेज के सहारे 7 बीघे तालाब का वारा न्यारा करके कब्जा कर किया जबकि तालाबी जमीन को किसी दूसरे खाते मे दर्ज नही किया जा सकता लेकिन तत्कालीन एसडीएम और राज्स्व कर्मियों की कृपा से इस तालाब का अस्तित्व समाप्त हो गया। बरई गांव के पलरा मजरे मे तो हालात और भी गंभीर है। सूत्र बताते है की सबसे ज्यादा तालाब इसी गांव मे कब्ज़ा कर लिये गये है।

इसी तरह की कहानी हर उस गांव की है जहाँ जहां तालाबों के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ हुआ है। कब्जा धारक अलग अलग हो सकते है लेकिन अपराध सबके एक जैसे है।सेव पोंड्स सेव नेशन संस्था जो इस क्षेत्र मे लगातार काम कर रही है उसने बताया की हर स्तर से पैरवी कर की गयी है अब संस्था उच्च न्यायालय के माध्यम से पिआईएल के माध्यम से कब्जा करने वालों कुंडली खोली जाएगी।

Vinod Mishra

सामाजिक सरोकारो पर सीधी पकड़ और बेबाक पत्रकारिता के लिए समर्पित...ग्लोबल भारत न्यूज़ संस्थान के लिए सेवारत

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