राम को अहंकार का ज्ञान था और रावण को ज्ञान का अहंकार – श्री श्री तुलसी महराज
मां तुलसी पीठाधीश्वर पिता की मौत पर पहुंचे अपने गृह ग्राम मातपुर मनगढ़

राम को अहंकार का ज्ञान था और रावण को ज्ञान का अहंकार – श्री श्री तुलसी महराज
मां तुलसी पीठाधीश्वर पिता की मौत पर पहुंचे अपने गृह ग्राम मातपुर मनगढ़
प्रतापगढ़, युवा अवस्था में ज्ञान और अध्यात्म की खोज में निकले मातपुर मनगढ़ का युवक अब मां तुलसी पीठाधीश्वर वृंदावन धाम से पिता की मौत की खबर सुनकर अपने गृहग्राम पधारे है। अपने पिता से तीन संतानों में सबसे कनिष्ठ संतान अब ज्ञान और अध्यात्म के क्षेत्र में शिखर पर पहुंच गए है। बताते चलें कि पिता रमेश चंद्र द्विवेदी की मौत का समाचार मिलते ही कुंडा पहुंचे। उनसे मिलने एमएलसी गोपाल भैया और राजा भैया के बड़े कुंवर शिवराज प्रताप सिंह भी उनके गांव जाकर मुलाकात किया। मातपुर अचानक से लाइम लाइट हो गया क्यों कि जब से मां तुलसी पीठाधीश्वर महराज गांव पधारे है तबसे लगातार राजनेता, व्यवसाई और पत्रकारों समेत क्षेत्र के चर्चित लोगों का आना जाना लगा हुआ है।
मातपुर में बनेगा पहला तुलसी मंदिर और भव्य आश्रम
मां तुलसी पीठाधीश्वर महराज ने आज ग्लोबल भारत न्यूज से बात करते हुए अपनी भावी योजनाएं साझा किया। आगामी समय में मातपुर गांव में एक भव्य तुलसी माता का मंदिर, गुरुकुल और वेद विद्यालय की स्थापना की जाएगी। मां तुलसी जी का मंदिर देश में सर्व प्रथम मातपुर में बनेगा जिससे भक्ति धाम मनगढ़ में आने वाले श्रद्धालुओं को एक और भव्य मंदिर का दर्शन सुलभ होगा। महराज जी ने बताया कि जन्मभूमि का ऋण भी उतारना है और लोगों के बीच मा तुलसी पीठ वृंदावन धाम को स्थापित करना उनके प्रमुख उद्देश्यों में एक है। बताते चलें कि श्री श्री तुलसी महराज जी अध्यात्म के अच्छे ज्ञाता और उदार व्यक्तित्व के धनी है जो आने वाले समय में कुंडा को एक और नई पहचान देंगे।
आज लखनऊ, वाराणसी और जौनपुर के उनके अनुयायी महराज जी के स्वर्गवासी पिता को श्रद्धांजलि देने मातपुर पहुंचे थे। स्थानीय लोगों में उनके प्रयासों की चर्चा होना शुरू हो गई है। मनगढ़ के युवराज सिंह और अमर प्रभा सामाजिक संस्थान के विनोद मिश्रा पत्रकार समेत कई लोग मौजूद रहे।