जब तक सभ्य समाज रहेगा, तब तक न्याय व्यवस्था समाप्त नहीं होगी : न्यायमूर्ति गौतम चौधरी
मूट कोर्ट विधि विद्यार्थियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है : प्राचार्य प्रो. अजय प्रकाश खरे

जब तक सभ्य समाज रहेगा, तब तक न्याय व्यवस्था समाप्त नहीं होगी : न्यायमूर्ति गौतम चौधरी
मूट कोर्ट विधि विद्यार्थियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है : प्राचार्य प्रो. अजय प्रकाश खरे
सीएमपी डिग्री कॉलेज में राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता संपन्न, यूनाइटेड विश्वविद्यालय, प्रयागराज ने जीती राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता
प्रयागराज। सीएमपी डिग्री कॉलेज, प्रयागराज के मुख्य परिसर में प्रथम चौधरी महादेव राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता संपन्न हुई। मुख्य परिसर स्थित एकेडमिक ऑडिटोरियम हॉल में हुए समापन समारोह में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीश बतौर मुख्य अतिथि गौतम चौधरी और विशिष्ट अतिथि अनीश कुमार गुप्ता शामिल हुए। न्यायाधीश गौतम चौधरी को प्राचार्य प्रो. अजय प्रकाश खरे ने स्मृति चिह्न और पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। डीन विधि संकाय इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रो. आदेश कुमार को डॉ शिव शंकर सिंह ने स्मृति चिह्न और पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। प्राचार्य प्रो.अजय प्रकाश खरे को रेनू सिंह ने स्मृति चिह्न और पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि इलाहाबाद हाईकोर्ट के माननीय न्यायाधीश गौतम चौधरी ने कहा कि विधि के छात्र भारत के भविष्य है, बहुत से छात्र उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय में जाएंगे, एक सभ्य समाज के लिए विधि व्यवस्था अत्यंत आवश्यक है। बच्चों ने अच्छे तर्क दिया जिससे स्पष्ट है कि भारत की विधिक व्यवस्था अच्छे हाथों में है। एक अधिवक्ता दूसरे का शत्रु नहीं होता है, अधिवक्ता को स्पर्धा करनी चाहिए ना की ईर्ष्या।
विशिष्ट अतिथि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अनीश कुमार गुप्ता ने कहा कि सहभाग करने वाले विद्यार्थियों को मूट कोर्ट बहुत कुछ सिखाता है। यह मंच विद्यार्थियों को प्रायोगिक जानकारी देता है। उन्होंने विद्यार्थियों उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
प्राचार्य प्रो. अजय प्रकाश खरे ने विधि विद्यार्थियों का उत्सावर्धन किया। उन्होंने कहा कि कानून का क्षेत्र केवल विश्वास पर आधारित है। अपनी छवि को बनाए रखना ही सबसे महत्वूपर्ण है, ऐसे में विधि क्षेत्र में अपनी सकारात्मक छवि को बनाए रखें। उन्होंने कहा कि किताबें डिजिटल प्लेटफार्म से अतिरिक्त जानकारी उपलब्ध करवा देती हैं।
ऐसे में किताबें से लगाव बनाए रखें। विशिष्ट अतिथि जितेंद्र नाथ चौधरी ने कहा कि मूट कोर्ट न्याय व्यवस्था का एक पूर्व अभ्यास है इससे बच्चों में आत्मविश्वास आता है, कार्यक्रम की अध्यक्षता बीए एलएलबी, समन्वयक रेनू सिंह ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि आपको सक्षम वकील बनने के लिए स्वयं को सक्षम बनाना होगा। कार्य के साथ परिश्रम आवश्यक है और कार्य के साथ हमें जिम्मेदारी भी आती है। अपनी गलतियों को पहचानों और स्वयं को सक्षम बनाओ। उन्होंने कहा कि बोलने, शोध करने और तथ्यों को सही तरीके से रखने सीखना बहुत जरूरी है। उन्होंने एक कथन ‘‘किसी दिये का कोई अपना मकां नहीं होता, जहां होती है वहीं रोशनी लुटाता है’’ के माध्यम से जीवन को महत्व बताया। उन्होंने कहा कि रविद्र नाथ टैगोर का जीवन हमें सच के साथ खड़ा रहने की प्रेरणा देता है। विधि के विद्यार्थियों को सदैव निष्पक्ष रहना सिखाता है। उन्होंने विद्यार्थियो को सीख दी कि स्वयं को अपने व्यवसाय के प्रति वफादार बनाएं।
ये रहे मूट कोर्ट प्रतियोगिता के विजेता
मूट कोर्ट प्रतियोगिता में यूनाइटेड यूनिवर्सिटी की टीम विजेता रही। टीम को 51 हजार रूपये पुरस्कार के रूप में प्रदान किया गए। एसएस खन्ना गर्ल्स डिग्री कॉलेज की टीम को उपविजेता घोषित किया गया। टीम को 25 हजार रूपये बतौर पुरस्कार प्रदान किए गए। स्वरूप, लॉ कॉलेज देहरादून को सर्वक्षेष्ठ शोधार्थी का अवार्ड प्रदान किया गया। टीम को 7 हजार रूपये पुरस्कार के तौर पर मिला। सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ बिहार की टीम को बेस्ट मेमोरियल अवार्ड प्रदान किया गया। टीम को 7 हजार रूपये का पुस्कार प्रदान किया गया। आस्था गुप्ता, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ बिहार को सर्वश्रेष्ठ वक्ता का पुरस्कार दिया गया। उन्हें 7 हजार रूपये का पुरस्कार प्रदान किया गया।
राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन
राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता की आयोजन सचिव रेनू सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने मूट कोर्ट की प्रतियोगिताओं के लिए समय देने के लिए न्यायधीशों का भी धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का मंच संचालन अनुश्री पांडे ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। मूट कोर्ट सोसायटी की रेनू सिंह, दिग्विजय श्रीवास्तव, अनुश्री पांडे, डॉ हरि दर्शन त्रिपाठी, डॉ बबीता श्रीवास्तव, डॉ प्रमोद कुमार, विनय त्रिपाठी, हिमांशु उपाध्याय, ऋषभ द्विवेदी, अभिषेक वर्मा एवं सागर श्रीवास्तव एवं छात्रों में प्रतिभा वर्मा, गौरी जायसवाल, दीप्ती द्विवेदी, प्रत्यक्षा तिवारी, सौम्या, कीर्ति गुप्ता, आदित्य राय, रवि यादव, अभिषेक शर्मा, अनमोल त्रिपाठी, सनी दिवाकर एवं आयुष विश्वकर्मा, ऋतिक मल्होत्रा ने मूट कोर्ट के आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई।