प्रतापगढ़: रेलवे के सिग्नल स्टोर में लगी आग, हजारों का नुकसान
रहस्यमय तरीके से लगी आग से स्टोर में रखी केबल और सामान जलकर राख, दमकल विभाग ने बुझाई आग

प्रतापगढ़। मां बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ जंक्शन से सटे सिग्नल विभाग के स्टोर में मंगलवार को सुबह रहस्यमय तरीके से लगी आग से मंहगी केबल और अन्य सामान जलकर राख हो गया है। इस हादसे में रेलवे को हजारों का नुकसान होने का अनुमान है। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ी घंटों बाद बड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा सकी। इस घटना को लेकर तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं। लोगों का कहना है कि आग की आड़ में गोलमाल छिपाने का प्रयास किया गया है। फिलहाल आग लगने के कारण का पता नहीं चल पाया है। चर्चा हैं कि घटना शॉर्ट सर्किट से हुई होगी।आरपीएफ जांच कर रही है। डीआरएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इस घटना ने पूरे मंडल में हड़कंप मचा दिया है। जिम्मेदार अपना बचाव करना शुरू कर दिए हैं।
घटना सुबह करीब सात बजे की है। रनिंग रूम से निकल रहे गार्डों ने स्टोर रूम से निकल रहे धुएं की सूचना एसएस एसके यादव को दी। उन्होंने बाकी लोगों को इस बारे में बताया। सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड वाले भी पहुंच गए। उन्होंने आग बुझाई। इस बारे में एसएसई सिग्नल एसपी पांडेय ने बताया कि स्टोर में किन्ही कारणों से आग लग गई थी। जिसे दमकल की मदद से बुझाया गया। स्टोर में केबल और जरूरी सामान जला है। नुकसान का आंकलन कराया जा रहा है।
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दूसरे के घर को बनाया था स्टोर
सिग्नल के अधिकारियों ने खुद का स्टोर होते हुए भी टेलीफोन वालों के आवास को स्टोर बनाया था। हालांकि इसमें एसएसई शशिकांत टेलीकॉम को रहना था। लेकिन इसी बीच उनका ट्रांफसर प्रयाग हो गया। जबकि एसएसई सिग्नल एसपी पांडेय का दावा है कि आवास टेलीकॉम के एसएसई का है। उन्होंने उसमें अपना स्टोर रूम बनाया था। शशिकांत का कहना है कि आवास उनके नाम नहीं था।
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पहले सिग्नल पूल में था स्टोर
जिस आवासनुमा स्टोर में आग लगने की घटना हुई है। वह इस समय टेलीफोन विभाग के पूल में है। इसके पहले सिग्नल के पूल में था। उसी समय से केबल रखी गई थी। जो हटाई नहीं गई। इसको हटाने के लिए शशिकांत ने आईओडब्ल्यू से कहा भी था। आवास मरम्मत के लिए रखा गया था।
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सेफ्टी में हुई चूक!
आग लगी या लगाई गई है यह जांच के बाद ही पता चलेगा लेकिन इसके रखरखाव में लापरवाही जरूर बरती गई है। दूसरे के आवास को जिसका फौरी तौर पर कोई जिम्मेदार नहीं है उसमें केबल रखना सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं था। आरपीएफ की ओर से भी सुरक्षा को लेकर अनदेखी हुई। आग लगने की असली वजह अभी पता नहीं चल पाई है।
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तीन साल पहले स्टोर में हुए थी डकैती
तीन साल पहले इसी इलाके में डकैती पड़ी थी। जिसमें डकैतों ने स्टोर के गार्ड को बंधक बनाकर ओची की केबल मालवाहक पर लादकर भाग गए थे। इसमें पुलिस को जांच के दौरान विभागीय मिलीभगत के क्लू मिले थे। अग्निकांड में भी कुछ ऐसे ही कांड की गंध आ रही है। फिलहाल जांच के बाद स्थिति साफ हो जाएगी।