क्या दब के रह जाएगी किसान निधि मे घोटाले की फाइल
एसडीएम के जाते ही थमने लगी चर्चा क्या होगा न्याय, प्रमुख सचिव तक हुयी है शिकायत

क्या दब के रह जाएगी किसान निधि मे घोटाले की फाइल
एसडीएम के जाते ही थमने लगी चर्चा क्या होगा न्याय, प्रमुख सचिव तक हुयी है शिकायत…
प्रतापगढ़, कुण्डा का चर्चित पीएम किसान निधि घोटाले की आंच अब धीमी पड़ती नजर आने लगी है। एसडीएम भरत राम के जाते ही इसकी चर्चा थमने लगी है जबकी मामले की शिकायत प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश सरकार तक पहले ही की जा चुकी है।
क्या था पूरा मामला
कुण्डा मे फर्जी किसानो को सूची से जोड़कर उनका नाम किसान निधि के लिए भेजा गया। किसान निधि उन लाखों फर्जी किसानों को मिलने लगा, अब कितनी बार मिला है और कितने करोड़ रु का खेला हुआ है ये तो जाँच का विषय है लेकिन बड़ा खेल हुआ इसमे किंचित संदेह नही है। प्रमुख सचिव से शिकायत करने वाले भैसाना निवासी व्यक्ति ने आशंका जाहिर किया है की सैकड़ो करोड़ रु का बंदर बाँट हुआ है। मामले की शिकायत कुण्डा के एक समाजसेवी ने तत्कालीन एसडीएम भरत राम से किया। अंदर खाने से जाँच हुयी तो उनके भी होश उड़ गये क्यू की मामला गंभीर था। कुण्डा से बाहर के किसानो के नाम पर बड़ी लूट की घटना को अमली जामा पहनाया गया था।
सूत्र बताते है की करीब दो लाख फर्जी किसानो का नाम सूची से हटाने के लिए दर्जनों ऑपरेटर ने दिन रात काम किया तो यहीं सवाल खड़ा होता है की घोटाला बड़े पैमाने पर हुआ है, क्यों की अगर गड़बड़ी नही हुयी थी तो किन किसानों का नाम लिसनसे हटाया गया और क्यों।
इधर जैसे ही उनका ट्रांसफर हुआ और वो गये तो एसडीएम के जाते ही इस गोरखधंधे मे लगे सिंडीकेट ने राहत की सांस लिया। अब तो यह साफ समझ मे आने लगा है की किसान निधि मे हुए घोटाले की चर्चा बंद होबराही है और बड़ी बात नही होगी की कुछ समय बाद ये पुरी तरह अंधकूप मे चला जायेगा और किसानो के नाम पर रेवडी खाने वाले सीना तान के घूमते रहेंगे और अगले कार्यक्रम की तैयारी मे जुट जाएगे।