ग्यारह वर्षो के असफल कार्यकाल को लेकर पीएम की आत्ममुग्धता चिंताजनक- प्रमोद तिवारी।
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता ने मोदी सरकार के कार्यकाल में खराब विदेश नीति व खस्ताहाल अर्थव्यवस्था समेत असफलताओं पर बोला जमकर हमला।

ग्यारह वर्षो के असफल कार्यकाल को लेकर पीएम की आत्ममुग्धता चिंताजनक- प्रमोद तिवारी।
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क
लालगंज प्रतापगढ़, 10 जून।
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता ने मोदी सरकार के कार्यकाल में खराब विदेश नीति व खस्ताहाल अर्थव्यवस्था समेत असफलताओं पर बोला जमकर हमला।
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार के ग्यारह वर्ष के कार्यकाल को देश के लिए पूरी तरह से निराशाजनक व राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के लिए आघात कहा है।
उन्होने कहा कि इन ग्यारह वर्षो के कार्यकाल में केन्द्र की मोदी सरकार की अर्थनीति, विदेश नीति, सुरक्षा नीति तथा राष्ट्रीय आय तथा विकास से जुडी योजनागत नीति पूरी तरह से नाकाम दिखी है।
उन्होने कहा कि इन ग्यारह वर्षो में दुर्भाग्यपूर्ण यह रहा कि प्रधानमंत्री मोदी खुद की बनायी गयी एक भी ऐसी परियोजना न खुद ला सके और न ही स्वयं उसे पूरा ही कर सके।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने भाजपा के विकास के दावो पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि कडवा सच तो यह है कि इन पूरे ग्यारह वर्षो में पीएम मोदी देश की लकीर की जगह खुद की अपनी लकीर बड़ा करने में आत्ममुग्ध नेतृत्व का ढ़िढोरा पीटते आ रहे हैं।
उन्होनें कहा कि ग्यारह वर्षो का मोदी सरकार का कार्यकाल संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने के साथ संविधान तक को बदलने की खतरनाक कुचेष्टा का कड़वा कार्यकाल ही है।
उन्होने कहा कि लडखड़ाती अर्थव्यवस्था के चलते मंहगाई और बेरोजगारी की लगातार बढ़ोत्तरी से देश बर्बादी और तबाही के मुकाम पर आ खड़ा हुआ है।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि नोटबंदी के चलते देश का आर्थिक ढांचा कमजोर हुआ। उन्होने कहा कि डॉलर के मुकाबले रूपये का सौ रूपये तक के आंकड़े के समीप पहुंच गया है।
उन्होनें कहा कि इसके कारण अर्न्तराष्ट्रीय बाजार में मोदी सरकार की साख पर बटटा लगा गया है।
उन्होने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल मे भाजपा ने संविधान तक बदलने का मंसूबा पाल रखा था। उन्होनें कहा कि देश की जनता ने सशक्त विपक्ष के लिए जनादेश के जरिए संविधान को लेकर इस खतरनाक इरादे को धूल चटा दी।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि जातिगत गणना को लेकर राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष की मजबूत आवाज के सामने मोदी सरकार को जरूर घुटने टेकने पड़े। उन्होने कहा कि इसके बावजूद जातिगत गणना को लेकर मानक में मोदी सरकार अभी तक पारदर्शिता सामने नहीं ला सकी है।
पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भी राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार की विदेश नीति को देश के इतिहास की सबसे अपरिपक्व विदेश नीति करार दिया।
उन्होने कहा कि देश की बहादुर सेना दुश्मन देश को माकूल जबाब दे रही थी ऐसे में अमेरिका के निर्देश पर चार दिन में ही मोदी सरकार ने सीजफायर की घोषणा कर दी।
उन्होनें कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड टंªप ने सीजफायर के समय भारत और पाकिस्तान को एक तराजू पर रखते हुए व्यापार को मुददा बनाकर अपना बयान रोज दोहरा रहे हैं। उन्होनें कहा कि इससे अर्न्तराष्ट्रीय क्षेत्र में भारत की छवि खराब हुई है।
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि भारत पं. नेहरू, इंदिरा गांधी और अटल बिहारी बाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल में गुटनिरपेक्ष आंदोलन का मजबूत नेता होने की छवि रखता रहा।
उन्होने कहा कि पाकिस्तान के साथ हालिया सैन्य टकराव में खराब विदेश नीति के चलते एक सौ तीन राष्ट्रों के नेता रहे भारत के साथ पडोसी नेपाल तक का खड़ा न होना सबसे ज्यादा पीड़ादायक साबित हुआ।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि पीएम मोदी चीन के सामने आखिर क्यूं निरूत्तर हो जाया करते हैं।
उन्होने कहा कि चीन के द्वारा भारतीय भूभाग के अपने नक्शे में नाम रोज परिवर्तित किये जाने का घिनौना प्रयास किया जाता है। उन्होने कहा कि व्यापार के क्षेत्र में भी चीन आयात के जरिए चिन्ताजनक अनुपातिक बढ़त लिए हुए है।
उन्होने कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर अत्याचार की पराकाष्ठा की हद तक दुखद हिंसक घटनाएं हुई।
उन्होने तंज कसा कि उस समय भी विश्वगुरू पीएम मोदी को बांग्लादेश की हिंसक घटनाओं में अल्पसंख्यक भारतीयों की तहस नहस हो रही दुर्दशा पर भी कुछ भी बोलने में सांप सूंघ गया था।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि सीमावर्ती संवेदनशील राज्य मणिपुर में भाजपा की राज्य सरकार को पूरी तरह से आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने में विफलता हाथ लगी है।
उन्होने कहा कि मौजूदा समय में राष्ट्रपति शासन के बावजूद मणिपुर में जारी हिंसा का दौर केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बड़बोलेपन की बखिया उधेड़ रहा है।
उन्होनें कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा भाजपा को इन ग्यारह वर्षो के कार्यकाल में देश की जनता के प्रति जबाबदेह तक होने की फुर्सत नहीं मिल सकी।
उन्होने कहा कि कड़वी सच्चाई यह है कि मोदी सरकार विकास तथा सुरक्षा व गरीबी रेखा के मानक को कम करने के क्षेत्र में भी असफलता के बावजूद खोखले आधार पर देश से बढ़कर अपनी छवि ऊपर रखने की कोशिश में जुटी हुई है।
उन्होने कहा कि आजादी के बाद यह पहली मोदी नीति सरकार है, जिसके कार्यकाल में हर मोर्चे पर विफलता पर विफलता का खामियाजा जनता भुगत रही है।
उन्होने कहा कि वर्ष 2014 में आवश्यक वस्तुओं की कीमत का वर्ष 2025 में भारी अन्तर भी मोदी सरकार की विफलता है। उन्होने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमत और बेरोजगारी के मानक को लेकर मोदी सरकार यदि 2014 और 2025 का आंकडा भी स्पष्ट कर दें तब सच्चाई खुद सामने आ जाएगी।
उन्होने कहा कि पीएम मोदी को इन असफलताओं की सच्चाई का सामना करने के लिए नैतिक साहस के साथ आत्ममुग्धता के दायरे से देशहित में बाहर आना चाहिए।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि हर क्षेत्र में निराशाजनक प्रदर्शन के लिए बेहतर होगा भाजपा खोखली उपलब्धियों का ढिढोरा पीटने की जगह अपने प्रधानमंत्री को देश से क्षमायाचना की अविलम्ब सलाह देने की हिम्मत जुटाये।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी का यह बयान मंगलवार को मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से निर्गत हुआ है।