राजा भैया पर हो रहे डिजिटल हमले का ज़बाब देने समर्थक पहुंचे न्यायालय
एमएलसी गोपाल भैया पर अमर्यादित टिप्पणी पर कोर्ट पहुंची पूर्व ब्लाक प्रमुख अरुणा सिंह

राजा भैया पर हो रहे डिजिटल हमले का ज़बाब देने मोर्चा संभालेंगे समर्थक
एमएलसी गोपाल भैया पर अमर्यादित टिप्पणी पर कोर्ट में हुई शिकायत, पूर्व ब्लाक प्रमुख अरुणा सिंह पहुंची न्यायालय 8 अक्टूबर को बयान दर्ज कराने का आदेश
प्रतापगढ़, राजा भैया और उनके दल के दिग्गज नेता पूर्व सांसद और विधान परिषद सदस्य गोपाल जी पर लगातार अमर्यादित टिप्पणी से आहत राजा भैया के समर्थक अब मोर्चा खोलते नजर आने लगे है। अपने नेताओं के खिलाफ सोची समझी रणनीति के तहत सोशल मीडिया पर गलत बयानी के मामले को लेकर जनसत्ता दल के नेता और जिला पंचायत सदस्य बब्लू सिंह की पूर्व ब्लाक प्रमुख पत्नी अरुणा सिंह कोर्ट का दरवाजा खट खटाया है। उनकी याचिका पर न्यायालय ने 8 अक्टूबर को उन्हें अपना बयान दर्ज करवाने का आदेश दिया है। इस मामले से एक बात तो तय है कि आने वाले समय में जनसत्ता दल समर्थक चुप बैठने वाले नहीं है
बताते चलें की जनसत्ता दल के कद्दावर नेता एवं विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) कुंवर अक्षय प्रताप सिंह उर्फ़ गोपाल जी के खिलाफ भानवी कुमारी द्वारा सोशल मीडिया पर की गई अमर्यादित व तथ्यहीन बयानबाजी का मामला अब अदालत तक पहुँच गया है। इस प्रकरण में कुंडा क्षेत्र के बछरौली निवासी, पूर्व ब्लॉक प्रमुख अरुणा सिंह (पत्नी बबलू सिंह बछरौली) ने अदालत में याचिका दाखिल की है। अरुणा सिंह ने आरोप लगाया है कि 18 सितंबर 2025 को भानवी कुमारी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर उनके वरिष्ठ नेता और कई बार के एमएलसी रह चुके कुंवर अक्षय प्रताप सिंह गोपाल जी के संबंध में आपत्तिजनक, तथ्यविहीन और अमर्यादित टिप्पणियाँ पोस्ट कीं। इन पोस्टों का उद्देश्य स्पष्ट रूप से उनकी जनछवि को धूमिल करना और राजनीतिक तथा सामाजिक स्तर पर बदनाम करने का प्रयास था। इस तरह की टिप्पणियों से न केवल गोपाल जी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँची, बल्कि उनके समर्थक एवं शुभचिंतक भी गहराई से आहत हुए।
अरुणा सिंह ने अपनी याचिका में उल्लेख किया कि एक जननेता, जिसने लंबे समय तक क्षेत्र और समाज की सेवा की हो, उसके खिलाफ इस प्रकार के आधारहीन और अपमानजनक आरोप न केवल निंदनीय हैं, बल्कि क़ानून की दृष्टि से भी अपराध की श्रेणी में आते हैं। उन्होंने इसे व्यक्तिगत मानहानि और राजनीतिक साज़िश से प्रेरित बताया। अभियोगी पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता राजकुमार सिंह ने जानकारी दी कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने अरुणा सिंह की याचिका को स्वीकार कर लिया है। अदालत ने प्रारंभिक सुनवाई हेतु 8 अक्टूबर 2025 की तिथि मुकर्रर करते हुए उस दिन बयान दर्ज किए जाने का आदेश पारित किया है।
इस घटनाक्रम के सामने आने के बाद क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। जनसत्ता दल के कार्यकर्ताओं और समर्थकों में आक्रोश है तथा वे इसे अपने नेता की गरिमा पर हमला मान रहे हैं। वहीं, पार्टी पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि किसी भी स्तर पर अपने नेताओं की छवि धूमिल करने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और न्यायालय से न्याय की अपेक्षा की जा रही है।