भारत की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति ने विश्व को वसुधैव कुटुंबकम् का संदेश दिया है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति 'गुलजार उपवन राजयोग ट्रेनिंग सेंटर' पर विश्व एकता व विश्वास हेतु ध्यान के राज्य स्तरीय अभियान का शुभारंभ करते समय उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित कर रही थीं।

भारत की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति ने विश्व को वसुधैव कुटुंबकम् का संदेश दिया है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
प्रधान सम्पादक
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क
लखनऊ, 28 नवम्बर।
राष्ट्रपति ‘गुलजार उपवन राजयोग ट्रेनिंग सेंटर’ पर विश्व एकता व विश्वास हेतु ध्यान के राज्य स्तरीय अभियान का शुभारंभ करते समय उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित कर रही थीं।
राष्ट्रपति मुर्मु ने ॐ शांति के मंत्र के साथ संबोधन शुरू किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति ने विश्व को वसुधैव कुटुंबकम् का संदेश दिया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मूल्य शिक्षा इसका एक कदम है। जी 20 समिट भारत में 2023 में आयोजित की गई थी। जिसकी थीम थी वन वर्ल्ड, वन अर्थ, वन फैमिली। इस सब प्रयासों का उद्देश्य विश्व को एकता का संदेश देना है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मूल्य शिक्षा इसका एक कदम है। जी 20 समिट भारत में 2023 में आयोजित की गई थी। जिसकी थीम थी वन वर्ल्ड, वन अर्थ, वन फैमिली। इस सब प्रयासों का उद्देश्य विश्व को एकता का संदेश देना है।
उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी विश्व विद्यालय केवल माउंट आबू में नहीं बल्कि गांव गांव में ये भाई बहन समाज में शांति, प्रेम के संवाहक बनकर जन जन तक यह संदेश पहुंचा रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज आवश्यक है कि हम आगे बढ़ने की ही नहीं साथ ही स्वयं के भीतर झांकने, देखने की भी यात्रा शुरू करें। जब हम स्वयं से संवाद करते हैं जो हमें पता चलता हैं कि शांति और सुख कोई बाहरी चीज नहीं यह हमारा आतंरिक अवस्था और गुण है।
इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि वर्ष 1937 में जब समाज व्याधियों से व्यथित था ऐसे समय में इसी संस्थान की नींव रखी गई। यह संस्था विभिन्न आयामों से अनेक आयामों से राष्ट्र निर्माण की गतिविधियां निभा रहीं हैं।
उन्होंने कहा कि विश्व की यह विशाल संस्था नारी शक्ति द्वारा संचालित है। राजयोग मेडिटेशन वह साधन है जो व्यक्ति को सद्गुण की और अग्रसर करता है। राजयोग से सुख, शांति, पवित्रता जैसे गुण स्वत आने लगते हैं। मेडिटेशन हमें सिखाता है आत्मा अमर अविनाशी है। राजयोग एक अभ्यास नहीं बल्कि संपूर्ण सकारात्मक जीवन शैली है। मेडिटेशन हमें श्रृष्टि के चक्र का बोध कराता है वर्तमान परिस्थितियां हमारे कर्मों का ही कल है। यह अपने आप से मिलने की अनुभूति है। यह हमें सिखाता है स्वयं को सुनना और शांत होना।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ब्रह्माकुमारी से जुड़े सभी पदाधिकारी राजयोग के माध्यम से सकारात्मक माहौल का निर्माण कर रहे हैं। यह केंद्र पूरे उत्तर प्रदेश के लिए राजयोग प्रशिक्षण के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करेगा।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि व्यक्ति के बंधन और मोक्ष का कारण उसका मन है। आज दुनिया में जो भी आतंकवाद, उपद्रव है इसके पीछे मन की चंचल प्रवृतियां है।
माउंट आबू से पधारे राजयोग शिक्षक सूरज भाई ने कहा कि रोज सुबह उठते ही संकल्प करें, भगवान मेरा है। जब हम फील करेंगे कि वह मेरा है तो उन पर अधिकार हो जाएगा। जब हम किसी चीज से जुड़ जाते हैं तो उनके साथ हमारा संबंध जुड़ जाता है। जीवन में कितनी ही सुख सुविधाएं हो लेकिन नीद का सुख न मिले तो सब बेकार लगता है। रोज सुबह उठते ही 10 मिनट शक्तिशाली संकल्प करें। यह 10 मिनट सोई हुई चेतना को जगाने का समय होता है। सोचें भगवान ने मुझे कितना सुंदर रोल दिया है। मेरा जीवन कितना सुंदर है। उस समय हमारा अंतर्मन एक्टिव होता है। इसलिए आंख खुलते ही अपने को चार्ज करें। सबसे पहले संकल्प करें मैं भगवान की संतान हु। हमारे अंदर ही देवत्व है। मैं बहुत भाग्यवान हूं। मैं बहुत सुखी हूं।
उड़ीसा से पधारे संस्थान के न्याय विद प्रभाग के राष्ट्रीय समन्वयक बीके नथमल भाई ने कहा कि आज जो समय चल रहा है ऐसे में विश्व एकता और विश्वास के लिए यह बहुत जरूरी है। एकता और विश्वास को लाने के लिए एकमात्र आधार है अध्यात्म और योग। वर्ष 1936 से ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय इसी विश्व एकता और विश्वास को लाने के लिए कार्य कर रहा है। जब तक हम अपने अंदर मनो विकारों को दूर नहीं करेंगे, इन पर विजय प्राप्त नहीं करेंगे तब तक हमारे अंदर एकता और विश्वास नहीं आएगा। भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए इस ईश्वरीय विश्व विद्यालय ने यह अभियान शुरू किया है।
प्रशिक्षण केन्द्र की निदेशिका राधा दीदी ने कहा कि भारत और भगवान की राशि एक ही है। उप्र वह महान प्रदेश है जहां जगत नियंता परमात्मा शिव बाबा का विश्व है सबसे बड़ा मंदिर है। जहां मथुरा में श्रीकृष्ण की कर्म भूमि और अयोध्या श्रीराम की चरित्र भूमि है। इस अभियान का उद्देश्य है हम सभी एक परमात्मा की संतान आपस में भाई बहन हैं। हमें धर्म जाति भुलाकर आपस में एकता और भाईचारे के साथ रहना है। अभियान के तहत प्रदेश भर में गांव गांव शहर शहर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिनके माध्यम से लोगों को विश्व एकता और आपसी विश्वास का संदेश दिया जाएगा।
माउंट आबू से आए गायक बीके सतीश भाई और बीके नितिन भाई ने गीत की प्रस्तुति दिया।
इसके पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अमौसी एयरपोर्ट में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का स्वागत किया।
ब्रह्माकुमारीज़ के अतिरिक्त महासचिव राजयोगी डॉ बीके मृत्युंजय, गुलजार उपवन राजयोग ट्रेनिंग सेंटर की निदेशिका राजयोगिनी बीके राधा दीदी, संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके संतोष दीदी ने भी राष्ट्रपति का स्वागत किया।
राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने सबसे पहले प्रांगण में पारिजात के पौधे का रोपण किया।


