सीएमओ दफ्तर के गेट पर डॉक्टर दंडवत लेटे
फर्रुखाबाद। पेंशन के लिए सीएमओ दफ्तर के गेट पर डॉक्टर दंडवत लेट गए। कहा कि पोर्टल पर उन्हें मृत दिखा दिया गया। राज्यपाल ने अप्रैल 2024 में वीआरएस स्वीकृत किया था।पीएचसी जहानगंज में मेडिकल अफसर कम्युनिटी हेल्थ (एमओसीएच) पद पर तैनात रहे डॉक्टर रिटायरमेंट के बाद बकाया देय के लिए चक्कर लगा रहे हैं। पेंशन पोर्टल पर उन्हें मृत दिखा दिया गया है। पीड़ित डॉक्टर सीएमओ दफ्तर के गेट पर वह दंडवत हो गए। उन्होंने कहाकि आखिर मेरी पुकार कब सुनी जाएगी। बातचीत करने के लिए सीएमओ उन्हें अपने कक्ष में ले गए।
मामले के बाद स्टेनो सतवीर ने सीएमओ को मामले की जानकारी दी। इस पर सीएमओ गेट पर पहुंचे। कर्मचारियों ने दंडवत लेटे डॉक्टर को उठाया। सीएमओ के पूछने पर डॉक्टर ने कहा कि वह दिव्यांग हैं। यहां तो लोग दिमाग से दिव्यांग लग रहे हैं। वह चक्कर काट रहे हैं, उनका काम नहीं हो रहा है। इस पर सीएमओ ने एकाउंटेंट मोहित श्रीवास्तव को बुलाकर फटकार लगाई। भुगतान लटकाने का कारण पूछा। इसके बाद डॉक्टर को अपने कक्ष में ले जाकर बातचीत की।
डॉ. जितेंद्र कुमार ने मई 2021 में पीएचसी जहानगंज में तैनाती हुई थी। 28 फरवरी 2023 को उन्होंने त्यागपत्र दे दिया। अप्रैल 2024 में राज्यपाल ने वीआरएस की स्वीकृति दे दी। लेकिन अभी तक सिर्फ अर्जित अवकाश के पैसे का भुगतान हुआ है। एनपीएस, बीमा, पेंशन की फाइलें लटकीं हैं। उन्होंने 14 वर्ष सरकारी सेवा की है। भुगतान के लिए लखनऊ के छह बार चक्कर लगा चुके हैं। एक बार आने में पांच हजार रुपये खर्च होते हैं। आखिर कब और कैसे भुगतान होगा।
पेंशन पोर्टल पर डॉक्टर को मृत लिख दिया गया
पेंशन पोर्टल पर डॉक्टर को मृत लिख दिया गया है जिससे फाइल स्वीकृत नहीं हो रही है। इस पर सीएमओ ने सभी लंबित फाइलें तलब कीं और डॉक्टर को भुगतान सहित सभी कार्य अतिशीघ्र करने का भरोसा दिलाया। सीएमओ डॉ. अवनींद्र कुमार ने कहा कि लिपिक जानबूझ कर फाइलें लटकाते है, इसके पीछे कोई मंशा छिपी रहती है। जबकि बदनामी सीएमओ को झेलनी पड़ती है। सीएमओ ने बताया कि उन्होंने डॉक्टर से वार्ता कर पूरे प्रकरण की जानकारी कर ली है। शीघ्र ही सभी भुगतान कराने के साथ ही अन्य समस्याएं भी निस्तारित कराई जाएंगी