समरसता को सुदृढ़ करेगा ‘मेरा गांव मेरा तीर्थ’ अभियान: आलोक पांडेय
रानीगंज विधानसभा क्षेत्र में भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता आलोक पांडेय ने भीट गांव में 'मेरा गांव मेरा तीर्थ' अभियान के दौरान सामाजिक समरसता को सशक्त करने का आह्वान किया।

समरसता को सुदृढ़ करेगा ‘मेरा गांव मेरा तीर्थ’ अभियान: आलोक पांडेय
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क
प्रतापगढ़, 23 अक्टूबर।
रानीगंज विधानसभा क्षेत्र में भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता आलोक पांडेय ने भीट गांव में ‘मेरा गांव मेरा तीर्थ’ अभियान के दौरान सामाजिक समरसता को सशक्त करने का आह्वान किया।

एडवोकेट आलोक पांडेय ने बताया कि यह गांव के ही तीर्थ हैं जिन्होने संपूर्ण गांव को एक ही धागे में पिरो रखा था। सामाजिक समरसता, एकता और सामन्जस्य की यहां पर सीख मिलती थी। समाज सशक्त होगा तो राष्ट्र सशक्त होगा।
उन्होंने कहा कि समाज की संगठित शक्ति के आधार पर ही राष्ट्र विरोधी लोग परास्त होंगे। भारत की संस्कृति का आधार आपसी प्रेम और समन्वय है। हम सभी अनादि काल से एक दूसरे के प्रति आदर और बंधुत्व का भाव रखते हैं। आवश्यकता है की हम अपने तेरह,संस्कृति, धर्म आदि के प्रति गौरव का अनुभव करें।
उन्होंने कहा कि हमारा गांव और गांव के मंदिर, चौरा समाज के शक्ति केंद्र हैं।आवागमन की सुविधा और संचार के साधन बढ़ने के बाद लोग दूर दूरतक स्थित देवस्थानों तक आसानी से पहुंच जाते हैं परंतु वह अपने ही गांव के ग्राम देवता को भूल जाते हैं।
उन्होंने कहा कि मेरा गांव मेरा तीर्थ अभियान के जरिए वह लोगों में फिर से पुरानी परंपराओं और सामंजस्य की भावना को जगाने का प्रयास कर रहे हैं। जिससे लोगों में एकता और एकजुटता उत्पन्न हो तथा पलायन की स्थिति पर विराम लगाने का प्रयास किया जा सके।
कार्यक्रम का संचालन और संयोजन महामंत्री ओमप्रकाश पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष अशोक सरोज, मंडल अध्यक्ष बृजेश पटेल, पूर्व मण्डल अध्यक्ष अनिल सिंह, भाजपा नेता अशोक सिंह, पिंटू तिवारी, वीरेंद्र तिवारी, केश चंद्र पाण्डेय, मनोज कुमार पाण्डेय, दुर्गा प्रसाद तिवारी, अरविंद कुमार तिवारी, राज कुमार दुबे, अशोक कुमार मिश्र, रमेश पांडे, मुन्ना पांडे समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
उन्होंने बताया कि पुराने समय में सभी गावों मे एक चौरा या काली माता की थान या फिर बरम बाबा का स्थान पूरे गांव वासियों के लिए आस्था का केंद्र बना करता था। किसी भी व्यक्ति के जन्म से लेकर अंतिम संस्कार तक सभी सोलह संस्कारों में गांव के इस तीर्थ का विशेष महत्व होता था। परंतु आधुनिकता की दौड़ में लोग अपने गांव के इस प्रमुख स्थान को भूल गए हैं। वहीं भाजपा नेता आलोक पांडेय ने मेरा गांव मेरा तीर्थ अभियान चलाकर पुरानी परंपराओं और रिवाजों को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया है।


