राज्य सभा में विपक्ष के उपनेता बनने के बाद आज पहली बार उच्च सदन में पीठासीन अधिकारी बने प्रमोद तिवारी।
उल्लेखनीय है कि सभापति और उप सभापति की अनुपस्थिति में 'पैनल ऑफ वाइस चेयरमैन' में से रोटेशन में राज्यसभा सांसदों को पीठासीन होने का अवसर प्रदान किया जाता है।

राज्य सभा में विपक्ष के उपनेता बनने के बाद आज पहली बार उच्च सदन में पीठासीन अधिकारी बने प्रमोद तिवारी।
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज
लालगंज, प्रतापगढ़; 18 मार्च।
उल्लेखनीय है कि सभापति और उप सभापति की अनुपस्थिति में ‘पैनल ऑफ वाइस चेयरमैन’ में से रोटेशन में राज्यसभा सांसदों को पीठासीन होने का अवसर प्रदान किया जाता है।
देश के अनुभवी, प्रखर और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने अपने संसदीय ज्ञान की दक्षता से प्रतापगढ़ के नाम एक और इतिहास रचा है।
प्रमोद को राज्यसभा में पैनल आफ वाइस चेयरमैन के सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद यह जिम्मेदारी मिली तो सदन में पीठासीन होने वाले प्रमोद तिवारी प्रतापगढ़ के पहले राज्यसभा सदस्य भी बन गए।
देश के संसदीय इतिहास में संसद के सर्वोच्च सदन राज्यसभा में पीठासीन अधिकारी पर प्रतिष्ठित होने के लिए प्रतापगढ़ को यह पहला मौका मिला है। इससे जिले के लोगों में खुशी की लहर है।
बताते चलें कि एक ही पार्टी और एक ही क्षेत्र प्रतापगढ़ के रामपुर खास से लगातार नौ बार विधायक बनने का गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड भी तिवारी के नाम ही है। इस समय रामपुर खास से उनकी बेटी आराधना मिश्रा मोना बतौर विधायक अपनी सुदृृढ़ भूमिका का निर्वहन कर रही हैं।
प्रतापगढ़ में राज्यसभा के सदस्य तो कई लोग निर्वाचित हुए, लेकिन विपक्ष का उपनेता और उच्च सदन में पीठासीन अधिकारी तक कोई अभी कोई नहीं पहुंच पाया था।
प्रमोद तिवारी की इस सियासी उपलब्धि की जानकारी मंगलवार को मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने यहां दी है। वहीं कार्यकर्ता तथा समर्थक व क्षेत्रीय प्रबुद्धजनों ने इसको राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि ठहराया है ।