जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल ने न्यूनतम मजदूरी बोर्ड के पुनर्गठन की मांग किया।
श्रमिकों को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए न्यूनतम मजदूरी की गारंटी दिए जाने हेतु एवं सम्मानजनक न्यूनतम मजदूरी निर्धारित किए जाने के लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।

जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल ने न्यूनतम मजदूरी बोर्ड के पुनर्गठन की मांग किया।
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज।
प्रतापगढ़, 5 मई।
श्रमिकों को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए न्यूनतम मजदूरी की गारंटी दिए जाने हेतु एवं सम्मानजनक न्यूनतम मजदूरी निर्धारित किए जाने के लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) के राष्ट्रीय आवाहन पर जनपद प्रतापगढ़ में न्यूनतम वेतन पर अखिल भारतीय मांग दिवस कार्यक्रम के अंतर्गत जिला अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करने के बाद दिनांक 5 मई को सुबह 10 बजे जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल प्रतापगढ़ द्वारा भारत सरकार के श्रम मंत्री, एवं मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी के माध्यम स भेजा गया।
ज्ञापन में मांग किया गया है कि उत्तर प्रदेश में न्यूनतम मजदूरी बोर्ड का पुनर्गठन किया जाए उसमें श्रम प्रतिनिधियों को भी रखा जाए तथा बोर्ड में अनिवार्य रूप से ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस एटक के प्रतिनिधि को भी रखा जाए, केंद्र सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी कम से कम रुपए 26000 घोषित किए जाएं, सभी कार्यों में चाहे वह संगठित क्षेत्र हो या असंगठित क्षेत्र हो सभी श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी देना सुनिश्चित किया जाए।
ज्ञापन में कहा गया है कि जिन विभागों एवं निगमों में न्यूनतम मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है न्यूनतम मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित किया जाए, नियमित प्रकृति के कार्य में किसी भी दशा में आउटसोर्स/ठेका प्रथा के माध्यम से कार्य न लिया जाए।
आगे कहा कि नियमित प्रकृति के कार्य के सापेक्ष नियमित भर्ती की जाए, स्कीम वर्क्स जैसे आंगनवाड़ी रसोईया आदि को न्यूनतम मजदूरी के अनुसार भुगतान सुनिश्चित किया जाए, राज्यों में न्यूनतम मजदूरी दर के अनुसार ही मनरेगा श्रमिकों को भुगतान किया जाए तथा काम की गारंटी के दिनों की संख्या 2 गुना की जाए, न्यूनतम मजदूरी का भुगतान न करने के जिम्मेदार के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जाए आदि मांग की गई।
ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल के अध्यक्ष एवं एटक के राज्य सचिव हेमंत नंदन ओझा, उत्तर प्रदेश बैंक एम्पलाइज यूनियन के जनपदीय अध्यक्ष एवं डी टी यू सी के महामंत्री नरेंद्र प्रसाद मिश्र, संरक्षक वीपी त्रिपाठी, रामबरन सिंह, किसान सभा के मंत्री निर्भय प्रताप सिंह, स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ नगर पालिका परिषद बेला के महामंत्री रोशन, उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ मीटर रीडर यूनियन से आमिर सिद्दिकी, केशव त्रिपाठी, इंडियन एसोसिएशन आफ लायर्स के आलोक सिंह, देवेंद्र शुक्ला, रामस्वरूप पाल आदि उपस्थित रहे।
उक्त अवसर पर एक सभा का भी आयोजन किया गया जिसमें वक्ताओं ने कहा की न्यूनतम मजदूरी जो वर्तमान में लागू है वह महंगाई के मूल्य सूचकांक के अनुसार नहीं है, बड़ी संख्या में न केवल निजी और असंगठित क्षेत्र में न्यूनतम मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है बल्कि सरकारी संस्थाओं और निगमों में भी न्यूनतम मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है जो भी ओवर टाइम लिया जा रहा है उसका भी भुगतान नहीं किया जा रहा है स्कीम वर्कर्स को जिसमें प्रमुख रूप से आंगनबाड़ी एवं रसोईया हैं इन्हें जीने लायक वेतन नहीं दिया जा रहा है,
जनपद प्रतापगढ़ में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद श्रम बंधु की बैठक में जनपद के सभी नगर पंचायत और नगर पालिका में सफाई कर्मियों को न्यूनतम मजदूरी के भुगतान कराए जाने के जिला अधिकारी के निर्णय एवं आदेश के बावजूद, एवं शासन के आदेश के बावजूद भी सफाई कर्मियों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान नहीं मिल रहा है, इसी प्रकार बिजली में मीटर रीडर कर्मियों को माह के 26 दोनों और प्रतिदिन 8 घंटे से अधिक कार्य करने के बावजूद चार से पांच हजार की मजदूरी मिल रही है सभी श्रमिकों को और सभी नागरिकों को सम्मानजनक जीवन जीने और अपने श्रम का वाजिब प्रतिफल पाने का हक कानूनी तथा संवैधानिक है इसके बावजूद केंद्र व राज्य सरकार द्वारा गंभीरता नहीं दिखलाई जा रही है।
श्रमिक नेताओं ने इस अवसर पर कहा कि केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानून को समाप्त कर नई श्रम संहिता लागू किए जाने के विरोध में तथा न्यूनतम मजदूरी लागू किए जाने, सार्वजनिक उद्योगों का निजीकरण रोके जाने, स्कीम वर्कर्स को न्यूनतम मजदूरी दिए जाने, आउटसोर्सिंग एवं ठेका प्रथा समाप्त किए जाने, पुरानी पेंशन बहाल किए जाने सभी रिक्त पड़े स्थान की भर्ती किए जाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर आगामी 20 मई को केंद्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारी संगठनों स्कीम वर्क्स असंगठित क्षेत्र एवं संगठित क्षेत्र के श्रमिक राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे।