बंद होने की कगार पर पंहुचा प्राथमिक स्कूल सुरसना को बचाने की कवायद, प्रधान ने लिखा महानिदेशक को पत्र
रायबरेली जनपद का सुरसना प्राथमिक विद्यालय जहाँ शिक्षिकाओं की कारस्तानियो के चलते बंद होने के कगार पर, प्रधान ने स्कूल बचाने की लगाई गुहार

बंद होने की कगार पर पंहुचा प्राथमिक स्कूल सुरसना को बचाने की कवायद, प्रधान ने लिखा महानिदेशक को पत्र
रायबरेली जनपद का सुरसना प्राथमिक विद्यालय जहाँ शिक्षिकाओं की कारस्तानियो के चलते बंद होने के कगार पर, प्रधान ने स्कूल बचाने की लगाई गुहार
रायबरेली, प्राथमिक शिक्षा की मजबूती के लिए सरकार हर स्तर से गंभीर है की दूर दराज गाँवो मे प्राथमिक शिक्षा का स्तर मजबूत बने जिससे ग्रामीण बच्चों को समुचित शिक्षा मिल सके, लेकिन आज भी ऐसे स्कूल है जो शिक्षको की आपसी खींचतान का शिकार बने हुए है। रायबरेली जनपद के डलमऊ ब्लाक के सुरसना मे प्राथमिक स्कूल को बचाने के लिए वहां की प्रधान ने महानिदेशक प्राथमिक शिक्षा उत्तर प्रदेश को पत्र भेजकरबीस विद्यालय की इंचार्ज और उनकी दबंग सहायक शिक्षिका के कारनामो की पुरी फेहरिस्ट भेजकर बर्बाद हो रहे स्कूल को बचाने की गुहार लगाई है। प्रधान ने पत्र में कई सनसनी खेज आरोप लगाया है जो किसी को भी सोचने को विवश कर देगा की क्या ऐसे भी शिक्षक विभाग में है जो बच्चों की उचित शिक्षा में खुद अवरोध बनने का काम कर रहे है।
क्या है पूरा मामला जिसको लेकर ग्रामीणों में है आक्रोश
महानिदेशक को भेजे पत्र मे पुरी राम कहानी बताइबगयी है कि किस तरहबसे विद्यालय मे तैनात राखी मिश्रा और अनीता यादव ने आतंक फैला रखा है। उनका विरोध या सवाल करने वालों पर मुकदमे की धमकी देती है। पूर्व मे तैनात एक अन्य शिक्षिका मोनी चौधरी पर जानलेवा हमला किया था जिसका मामला मुकदमे तक जा पंहुचा।
क ख ग के स्थान पर वहां सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। सुरसना की प्रधान सुनीता सिंह ने बताया की उनके गांव का स्कूल शिक्षिकाओं के लिए अभ्यारण्य साबित हो रहा है। अपमी दबंगई के बल पर उक्त दोनो शिक्षिकाओं से गांव के लोग पीड़ित है क्यों की जिसको देखो उसके खिलाफ ही थाने जाने की धमकी देती है। इससे न सिर्फ बच्चों में बल्कि उनके पालको में भी हताशा की भावना बन रही है।
स्कूल बंद होने के कगार पर दूसरे स्कूल जाने को मजबूर
गांव के ही नरेन्द्र सिंह और प्रधान सुनीता सिंह ने महानिदेशक से स्कूल बचाने की गुहार लगाई है। उनकी माने तो राखी और अनीता के व्यवहार के चलते लोग अपने बच्चों को दूसरे गांव के स्कूल भेज रहे है, सुरसना मे 54 बच्चे इनरोल्ड जो जबकि सिर्फ 6/7 बच्चे ही स्कूल आते है बाकी सबका नाम केवल संख्या दिखाने को ही डाल रखा है। विभाग के सूत्र बताते है की एक शिक्षक संघ का नेता के संरक्षण मे उक्त महिला शिक्षिकाएं बेलगाम होती जा रही है और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के संज्ञान मे सब कुछ होने के बावजूद कोई कार्यवाई नही किब्जा रही है। इससे इनका मनोबल दिनोदिन बढ़ रहा है।
अब सवाल ये है की विभाग अपनी एक संस्था को डूबने देगा या ऐसे लापरवाह कर्मियों पर नकेल कसेगा जिससे ये ढर्रे पर आ जाये।