10 बोरी से अधिक उर्वरक खरीदने बेचने वालों की होगी जांच
जिला प्रशासन जल्द ही टीम गठित करेगा, कृषि विभाग की टीमें करेंगी जांच

10 बोरी से अधिक उर्वरक खरीदने बेचने वालों की होगी जांच
जिला प्रशासन जल्द ही टीम गठित करेगा, कृषि विभाग की टीमें करेंगी जांच
प्रतापगढ़। कृषि विभाग ने उन उर्वरक विक्रेताओं और खरीददारों की कुंडली खंगालेगा जिन्होंने अनावश्यक रूप से ज्यादा मात्रा में उर्वरक बेचा और खरीदा है। जिला कृषि अधिकारी अशोक कुमार ने बताया है कि माह अप्रैल 2025 एवं मई 2025 में उर्वरक विक्री की जांच के लिये शासन द्वारा निर्देशित किया गया है। समीक्षा में यह प्रकाश में आया है कि कई कृषकों द्वारा एक ही बार में 10 बोरी से अधिक यूरिया क्रय किया गया है। ऐसी स्थिति में यूरिया क्रय करने वाले कृषक एवं यूरिया विक्री करने वाले रिटेलरों की सघन जांच के निर्देश शासन स्तर से दिये गये है। उन्होने कृषकों एवं उर्वरक प्रतिष्ठान स्वामियों को सूचित किया है कि वह किसी भी दशा में खतौनी के आधार पर प्रयोग होने वाली यूरिया से अधिक यूरिया का न तो क्रय करें और न ही उर्वरक विक्रेता यूरिया का विक्रय करें। यदि किसी उर्वरक विक्रेता द्वारा कृत्रिम रूप से यूरिया का पीओएस मशीन से खारिज किया गया है तो उसके विरूद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के अन्तर्गत वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। 10 बोरी से अधिक खरीदने वाले कृषक एवं बेचने वाले उर्वरक विक्रेताओं की जांच के लिए 5 टीमों के द्वारा जांच कार्यवाई प्रारम्भ कर दी गयी हैं। जिला कृषि अधिकारी ने आगाह किया है की कोई भी रिटेलर कम्पनी या डीलर के कहने पर यूरिया उर्वरक का कृत्रिम रूप से खारिजा न करें, ऐसा करने पर उर्वरक लाइसेंस निरस्त करते हुये प्रथम सूचना दर्ज करके वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
वैसे अगर ये कार्यवाई और जांच पारदर्शी तरीके से की जाय तो कई विक्रताओ द्वारा अनियमितता मिलने की संभावना से इंकार भी नही किया जा सकता है। पहले भी प्रतापगढ़ जिले में डाया खाद का बड़े पैमाने पर घोटाला पकड़ में आया था। शासन की यह पहल किसानों के हित में साबित हो सकती है जिससे उर्वरक की उपलब्धता छोटे किसानों तक सहज हो पाएगी। उक्त जानकारी जिला सूचना कार्यालय प्रतापगढ़ द्वारा उपलब्ध कराई गई।