वरिष्ठ वामपंथी नेता के निधन पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
केरल राज्य के एकाधिक बार के मुख्यमंत्री, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, शीर्ष कम्युनिस्ट नेता वी० एस० अच्युतानंदन का 101 वर्ष की आयु में निधन हुआ।

वरिष्ठ वामपंथी नेता के निधन पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क
प्रतापगढ़, 24 जुलाई
केरल राज्य के एकाधिक बार के मुख्यमंत्री, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, शीर्ष कम्युनिस्ट नेता वी० एस० अच्युतानंदन का 101 वर्ष की आयु में निधन हुआ।
दिनांक 21 जुलाई 2025 को हुए निधन पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला काउंसिल प्रतापगढ़ के तत्वावधान में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन नंदन कुटीर, पंचमुखी मंदिर, बलीपुर में पार्टी के वरिष्ठ नेता रामबरन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
बैठक में शोक प्रस्ताव रखते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला मंत्री राजमणि पांडेय ने कहा कि वी एस अच्युतानंदन अत्यंत निर्धन परिवार से आते थे और उन्हें स्कूली शिक्षा का प्राथमिक के बाद अवसर नहीं मिला। उन्होंने केरल राज्य के खेतिहर मजदूर, किसान और आम जनता को संगठित करने और उनके जीवन स्तर को उठाने का महत्वपूर्ण कार्य किया।
उन्होंने कहा कि केरल जो सभी विकास मानकों में देश में सर्वथा अग्रणी है उसमें कामरेड वीएस का महत्वपूर्ण योगदान है। उनका संघर्षों से भरा राजनीतिक जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी कि राज्य परिषद के सदस्य एवं मजदूर नेता हेमंत नंदन ओझा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के जिला मंत्री आशुतोष शुक्ला, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सह सचिव निर्भय प्रताप सिंह, रशीद अहमद, जिला मंत्री परिषद के सदस्य आर डी यादव, विवेकानंद श्रीवास्तव, वरिष्ठ नेता हरी राज यादव, महाबली मौर्य, डॉ जाकिर , सुरेश चंद शर्मा, श्रीमती निर्मला कनौजिया, शिव कुमारी, राम आधार, धर्मेंद्र यादव आदि ने अपने विचार व्यक्त किया।
वक्ताओं ने इस अवसर पर कहा कि उन्होंने अपने जीवन को एक आदर्श के रूप में जिया। तमाम सुख सुविधाओं को छोड़कर एक अत्यंत साधारण मजदूर के रूप में अपने जीवन की आवश्यकताओं को सीमित रखते हुए अंत समय तक एक सामान्य आम मजदूर के जीवन को जिया और तमाम सुख सुविधाओं की तिलांजलि दिया , और अपना सारा जीवन आम जनमानस के जीवन स्तर को उठाने, शोषण मुक्त सामाजिक व्यवस्था बनाए जाने की विचारधारा को समर्पित किया। वे देश के लाखों कम्युनिस्टों के लिए आदर्श थे। उनके जीवन संघर्ष को अपनाने की आवश्यकता है। श्रद्धांजलि सभा के अंत में 2 मिनट का मौन रखकर सामूहिक श्रद्धांजलि दी गई।