राणा सांगा के अपमान पर बोले राजा भैया इतिहास के पुनर्लेखन का समय आ गया
राणा सांगा हमारे आदर्श और ऐसे यौद्धा थे जिनकी पीठ पर एक भी घाव नही था

राणा सांगा के अपमान पर बोले राजा भैया इतिहास के पुनर्लेखन का समय आ गया
राणा सांगा हमारे आदर्श और ऐसे यौद्धा थे जिनकी पीठ पर एक भी घाव नही था
GBN: राणा सांगा पर समजावादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम जी लाल सुमन द्वारा की गयी अशोभनीय टिप्पणी पर कुण्डा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया ने सोसल मीडिआ प्लेटफार्म एक्स पर लिखे की राणा सांगा पर जो अभद्र टिप्पणी की गयी है वो सत्य से परे की जो हर राष्ट्रवादी और देशभक्त के लिए कष्टप्रद है। राणा सांगा एक वीर योद्धा थे उनपर की गयी टिप्पणी किसी भी स्थिति मे भारतीयों को ग्राह्य नही है।
राजा भैया लिखते है की तुष्टिकरण के चलते हमारे महानायकों को खलनायक और गद्दार कहा जा रहा है। कुछ लोग आदर्श औरंगजेब जैसे आततायी और क्रूर शाशकों का महिमा मंडन करने के चक्कर मे अपने महानायकों को छोटा बता कर अपनी रोटी सेंक रहे है।
कौन थे राणा सांगा जिनके प्रति सपा नेता ने किया अभद्र टिप्पणी
राणा सांगा का नाम राणा संग्राम सिंह था जो मेवाड के ऐसे वीर योद्धा थे जो सेना का नेतृत्व अगली पंक्ति मे रहकर करते थे। उनके शरीर पर 80 घाव थे, एक आंख और हाथ युद्ध को भेंट चढ़ाने वाले राजा थे। इतिहास जानने वाले लिखते है की राणा सांगा का पूरा जीवन राष्ट्र विरोधियों के विरुद्ध युद्ध लड़ते बीता था लेकिन राणा सांगा के पीठ पर एक भी घाव नही था। ऐसे वीर पराक्रमी योद्धा के प्रति इतनी बेहूदा टिप्पणी से हिन्दु समाज आहत है।
इतिहास के पुनर्लेखन का युग आ गया है – राजा भैया
देश मे कैसी बिडंबना है कि जिस क्रूर शासक ने अपने पिता और भाइयों कि हत्या करके राजपाठ लिया ऐसे क्रूर शासक का महिमा मंडन करने वाले देश मे है ये बड़ी बिडंबना है। जिसने अपने भाइयों कि हत्या करके उन्हे कुत्तो को खिला दिया उसके गुणगान करके अपने महानायकों का अपमान किया जा रहा है। राणा सांगा हमारे आदर्श थे, हमारे गौरव थे उनके विरुद्ध इस तरह कि टिप्पणी ठीक नही है। इस तरह हरकतों से लगता है कि अब इतिहास के पुनर्लेखन का समय आ गया है।
आखिर क्यों होती है देश के नायकों और सनातन पर अशोभनीय टिप्पणी
अब सवाल उठता है कि देश के उन सपूतों और राष्ट्रवादी सनातनिओं के खिलाफ समय समय पर अशोभनीय और बेहूदा टिप्पणियां की जाती है। इसका क्या मकसद होता है चुनाव के समय क्या उनके वंशजो के समर्थन की अपेक्षा नही करते जो बाद मे इस तरह का बखेड़ा खड़ा करते हैं। जिसको देखो मुंह उठाकर सनातन और देश के महानायकों के विरुद्ध जहर उगल दे रहा है। जो राम भक्तो पर गोली चलवाये, जिसने आतंकवादियों का समर्थन किया रात मे न्यायालय खुलवाया, राम मंदिर के अस्तित्व पर सवाल खड़ा किये, भारत माता को डायन कहने वाले, मथुरा काशी पर सवाल खड़ा करने वाले, जेहादियों पर प्यार लुटाने वालों के खिलाफ आने वाले कल मे देश का नौजवान जरूर सोचेगा। लेकिन इसके लिए आवश्यकता है अपने महानायकों, अपने वीर पूर्वजों, देश के शहीदो और धर्मचार्यो के बारे मे अवगत कराया जाय। राजा भैया का ये कथन की इतिहास के पुनर्लेखन का समय आ गया है, देश के बदलते वातावरण के लिए आवश्यक भी है समीचीन भी है।