ब्रेकिंग
प्रतापगढ़: स्वास्थ्य विभाग में अगर ईमानदारी से हो जांच तो मिलेंगे चौंकाने वाले परिणाम गरीब परिवार को मिला सहारा, जीवन में खुशियों की उम्मीद जागी,डीएम ने दिए मदद के निर्देश  प्रतापगढ़:रिश्वत कांड में सीएमओ कार्यालय का लिपिक निलंबित, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बर्खास्त हिंदी दिवस पर आयोजित होगा भव्य कार्यक्रम,बनी योजना भाजपा नेता आलोक पाण्डेय ने गरीब परिवार पर रहम किया। जिलाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को दिय... सभासद ने पत्र लिखकर सरकारी जमीन को बचाने का जिलाधिकारी से किया आग्रह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का शिष्टमंडल मुख्यमंत्री से मिला‌। मांगों पर प्रभावी कार्रवाई शुरू। प्रतापगढ़ में नो एंट्री के बावजूद शहर में धड़ल्ले से फर्राटे भर रहे भारी वाहन। भारत के पूर्व राष्ट्रपति, महान शिक्षाविद, भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती शिक्षक दिवस... प्रतापगढ़ में किशोर का अपहरण कर निर्मम हत्या, प्रेम प्रसंग से जोड़कर देखी जा रही वारदात
Global भारत न्यूज़अव्यवस्थाउत्तरप्रदेशप्रयागराज

अस्पताल खुद परोस रहा बीमारी गन्दगी का आलम, व्यवस्था पर सवाल

इलाज करने वाले डाक्टरों का आवास जर्जर विशेषज्ञों का अभाव

अस्पताल खुद परोस रहा बीमारी गन्दगी का आलम व्यवस्था पर सवाल

इलाज करने वाले डाक्टरों का आवास जर्जर विशेषज्ञों का अभाव

प्रयागराज/कोरांव, तहसील में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अव्यवस्थाओं का शिकार होकर रह गया है। कोरांव तहसील के 115 गांवों के सात लाख के लगभग लोगों के इलाज की जिम्मेदारी इसी अस्पताल के कन्धों पर है लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों के अभाव से मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। यहां सिर्फ एक महिला सर्जर हैं जबकि हड्डी रोग विशेषज्ञ एवं सर्जन व अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं है। हड्डी रोग विशेषज्ञ व सर्जन नहीं होने से आएं दिन क्षेत्र में हो रहे एक्सीडेंट से लोगों को तत्काल उपचार नहीं मिल पाने के चलते प्रयागराज जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। कई मरीज तो पहुंचने से पहले ही काल के गाल में समा जाते हैं। यदि सर्जन की नियुक्ति हो जाती तो समय से बीमारों का उपचार हो जाता और लोगों का जीवन बचाया जा सकता। इतना ही नहीं अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को प्राईवेट नर्सिंग होमो में शरण लेनी पड़ती है, जहां जमकर उनका शोषण किया जाता है।
इतना ही नहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दवाओं का अभाव आम बात है, जिससे लोगों को निजी स्टोर से दवा खरीदनी पड़ती है। लोगों की माने तो आश्चर्य इस बात का है कि सरकारी अस्पताल से लिखीं दवाएं अस्पताल के सामने स्थित स्टोर के अलावा कहीं मिलती नहीं है जो दवाओं के सिंडीकेट और चिकित्सकों की मिली भगत को उजागर करता है।

शर्मशार होती महिलाएं लापरवाह बने जिम्मेदार

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पूर्व में विधायक निधि से सामुदायिक शौचालय का निर्माण तो कराया गया किन्तु दो साल बीत जाने के वावजूद भी शौचालय शुरू नहीं हो सका जिससे महिला मरीजों को सर्मशार होना पड़ता है। इस बात अधीक्षक के बी सिंह से बात करने पर कोई सन्तोष जनक जबाब नहीं दिया गया। इसी सम्बन्ध में सी एम ओ प्रयागराज से बात करने का प्रयास किया गया किन्तु उनका मोबाइल नहीं उठा। इतना ही नहीं पूर्व में भ्रष्टाचार के आरोप में इनका स्थानांतरण हो गया था, परन्तु दोबारा पुनः सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लूट करने को आतुर हो कर फिर से दोबारा अधीक्षक का चार्ज ग्रहण किया।जिसको लेकर लोगों में तरह तरह की चर्चा जारी है। वहीं दूसरी ओर बार्डर में जहां मरीज भर्ती होते हैं, वहीं बना शौचालय गन्दगी का शिकार होने के कारण लोगों को बदबू व मच्छरों का शिकार होना पड़ रहा है।

 

Vinod Mishra

सामाजिक सरोकारो पर सीधी पकड़ और बेबाक पत्रकारिता के लिए समर्पित...ग्लोबल भारत न्यूज़ संस्थान के लिए सेवारत

यह भी पढ़ें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button