कुंडा इलाके में खाद की कालाबाज़ारी, किसानों की जेब पर डाल रहे सचिव, हंगामा
कुंडा इलाके में खाद की कालाबाज़ारी, किसानों की जेब पर डाल रहे सचिव, हंगामा
प्रतापगढ़ ,7 जनवरी, ग्लोबल भारत डेस्क
कुंडा में किसानों को यूरिया खाद की बोरी के लिए 280 रुपये प्रति बोरी का भुगतान करना पड़ रहा है, जबकि सरकारी मूल्य 268 रुपये 50 पैसे है। यह मामला कुंडा की अधिकांश साधन सहकारी समितियों में देखा जा रहा है। किसानों का आरोप है कि उन्हें पड़ोसी जिले कौशांबी में 265 रुपये में यूरिया खाद मिलती है, लेकिन कुंडा में उन्हें अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है।
किसानों ने बताया कि रहवई साधन सहकारी समिति में उन्हें यूरिया खाद की बोरी के लिए 280 रुपये का भुगतान करना पड़ रहा है। जबकि सरकारी मूल्य 268 रुपये 50 पैसे है। इसके अलावा, किसानों से प्रति बोरी 11 रुपये 50 पैसे की अतिरिक्त वसूली की जा रही है।
किसानों का आरोप है कि यह वसूली अवैध है और इससे उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि पड़ोसी जिले कौशांबी में यूरिया खाद 265 रुपये में मिलती है, लेकिन कुंडा में उन्हें अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है।
इस मामले में किसानों की शिकायतें और आरोप गंभीर हैं, और इसकी जांच की आवश्यकता है। किसानों को न्याय दिलाने और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए उचित कार्रवाई की आवश्यकता है। केंद्र सरकार द्वारा खाद कंपनियों को सब्सिडी दी जाती है, जिससे किसानों को सस्ती दरों पर यूरिया, डीएपी, एमओपी और सल्फर, फॉस्फेट मिलते हैं।
इस मामले में जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को जांच करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। किसानों को न्याय दिलाने और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए यह आवश्यक है।