राजनीतिक आका से पंगा पड़ा भारी कभी राजा का दुलारा था अब एक लाख का इनामियां
एक साल से फरार, 53 मुकदमें लेकिन सपा का नहीं हुआ मोहभंग, राजनीति में सुचिता बनी मजाक

राजनीतिक आका से पंगा पड़ा भारी अब बना एक लाख का इनामियां
एक साल से फरार, 53 मुकदमें लेकिन सपा का नहीं हुआ मोहभंग, राजनीति में सुचिता बनी मजाक
ग्लोबल भारत डेस्क : एक कहावत है कि गुरु के कमंडल में धार मारने वाले के साथ प्रभु भी मुंह मोड़ लेते है, कुछ ऐसी ही बानगी देखने को मिल रही है प्रतापगढ़ के सपा अध्यक्ष और कुंडा के पूर्व चेयरमैन गुलशन यादव के साथ जिन पर जिला प्रशासन ने इनामी राशि बढ़ा कर 1 लाख कर दिया। कुंडा के लोग बताते है कि गुलशन यादव और उनके भाई छविनाथ यादव पर राजा भैया का बेहद स्नेह था और उनके कारण न सिर्फ उनके राजनीतिक हुजूम में बल्कि कुंडा क्षेत्र में भी इनकी हनक बनना शुरू हो गई थी। इनका जलवा ऐसा बना कि देखते देखते कुंडा नगर पंचायत के निर्दलीय अध्यक्ष निर्वाचित हो गए। लेकिन राजा भैया के राजनीतिक पार्टी बनाते ही यादव ब्रदर्स उनसे किनारा कस लिए और आज की तारीख में जनपद के बड़े अपराधी का तमगा लिए टहल रहे है। 53 मुकदमें लगाए गए है जिसके चलते इनामी घोषित हुए और अब इनाम की राशि बढ़कर 1 लाख पहुंच गई है।
कौन है ये गुलशन यादव जिनपर बढ़ाया गया इनाम
कुंडा विधानसभा क्षेत्र के मऊदारा गांव के रहने वाले गुलशन और छविनाथ दोनों सगे भाई है। गुलशन शुरू से ही तेज तर्रार और छविनाथ स्थिर विचारों के युवक थे। राजा भैया पर जब पोटा के तहत मामला दर्ज हुआ तो राजेंद्र यादव उसमें गवाह बने। कालान्तर में गुलशन ने राजेंद्र यादव की गोली मारकर हत्या कर दी और राजा भैया की निगाह में आ गए। बस यहां से शुरू हुए सफर ने उन्हें आज इस मुकाम पर लाकर खड़ा किया है। राजा भैया की शागिर्दगी में उन्होंने वो सब कुछ हासिल किया जिसकी कल्पना कोई भी युवक करता है। नाम रसूख पैसा ओहदा सब कुछ लेकिन जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के निर्माण के समय ये दोनो भाई खुलकर समाजवादी पार्टी का परचम थाम लिया। बस यहीं से शुरू हुआ राजा भैया का विरोध आज उन्हें राजनीतिक गलियारे का वो संन्यासी बना दिया जिसे अपने मठ तक पहुंचने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। रंगदारी, लूट, हत्या का प्रयास, गैंगस्टर एक्ट जैसे गंभीर मुकदमों की झड़ी लग गई और आज मुकदमों का अर्धशतक का रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज हो चुका है और 7 खरीद से अधिक की संपत्ति सीज की जा चुकी है।
किसी भी दल से पहले इनामियां अध्यक्ष बने गुलशन यादव
किसी भी राजनीतिक दल के जिलाध्यक्ष पर इतनी बड़ी इनामी राशि घोषित नहीं हुई है, उस नजरिए से अगर देखा जाए तो जिले में ये पहली घटना है जब किसी राजनीतिक दल के जिलाध्यक्ष पर इतनी बड़ी राशि बतौर इनाम घोषित हुई हो और उसके बाद भी उसकी पार्टी अब तक उस पर कोई कार्यवाही न करके कीर्तिमान बना रही है। पीडीए एकीकरण के नाम पर क्या किसी घोषित आरोपी को जिलाध्यक्ष जैसा संवेदनशील पद दिया जा सकता है। इसको तो पार्टी ही बता सकती है कि मामले को किस तरह हैंडल कर रही है। फिलहाल आज की तारीख में सपा जिलाध्यक्ष 1 लाख के इनामियां बन गए है और भविष्य में इनके साथ क्या कार्रवाई होती है ये गर्त में है।