कहरा मे जमकर पढ़ा गया भ्रष्टाचार का ककहरा, दोष सिद्ध होने पर भी नही हुयी कार्यवाई
14 मई को न्यायालय ने किया तलब, अब हो सकता है न्याय

कहरा मे जमकर पढ़ा गया भ्रष्टाचार का ककहरा, दोष सिद्ध होने पर भी नही हुयी कार्यवाई
14 अप्रैल को न्यायालय ने किया तलब, अब हो सकता है न्याय
प्रयागराज, सैदाबाद ब्लाक के कहरा मे भ्रस्टाचार का ककहरा कुछ इस तरह पढ़ा गया है की पूरे व्यवस्था पर ही सवाल खड़ा हो गया है। न्याय न होते देख जब शिकायत कर्ता ने न्यायालय का सहारा लिया तो मामले ने गति पकड़ लिया। 14 अप्रैल को जिले के जिम्मेदारों को तलब किया गया है। अब उम्मीद बढ़ी है की पीड़ितों की आवाज सुनी जाये और आरोपिओ पर कानून का हंटर चल जाये। बताते चलें की
ग्राम सभा कहरा मे भ्रष्टाचार के पैमाना पराकाष्ठा पार कर गया है, शपथ पत्र भी फर्जी बनवाया गया, दोष भी सिद्ध हो गया लेकिन अभी तक न तो सम्बंधित के खिलाफ एफ आई आर हुई न ही रिकवरी करवाने का आदेश दिया गया। ऐसे में लोगो के जेहन में एक बात कौंध रही है की क्या न्याय हो पायेगा या मामला धीरे धीरे ठंडे बस्ते में चला जायेगा।
क्या है पूरा मामला जिस पर मचा है संग्राम
जनपद प्रयागराज के सैदाबाद ब्लॉक के ग्राम सभा कहरा के रहने वाले सुजीत सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा की उनके गांव में भ्रस्टाचार चरम पर पंहुच गया है। शिकायत पर पूर्व डीपीआरओ ने जाँच कर सचिव और प्रधान से स्पष्टीकरण माँगा। मामले की जाँच हुई और रिपोर्ट भी उपलब्ध कराई गयी लेकिन जाँच रिपोर्ट से असंतुष्ट होकर डीपीआरओ ने सम्बंधित सचिव और प्रधान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश किया। शिकायत कर्ता का आरोप है कि एडीओ पंचायत सैदाबाद के लचर पैरवी के कारण एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी और इसी बीच डीपीआरओ प्रयागराज का स्थानांतरण हो गया। इसके बाद एडीओ पंचायत सैदाबाद अरुण कुमार यादव व उनकी भ्रष्ट टीम ने एफआईआर कराने के आदेश को जिला विकास अधिकारी प्रयागराज भोलानाथ कनौजिया के समक्ष तोड़ मरोड़ कर पेश किया। उसके बाफ जिला विकास अधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी के आदेश को पुनः जाँचने के लिए सहायक विकास अधिकारी सैदाबाद को नामित कर दिया। सहायक विकास अधिकारी अरुण कुमार यादव ने जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा की गयी जाँच को झूठा साबित करके जाँच रिपोर्ट जिला विकास अधिकारी को भेजा, जिला विकास अधिकारी जी ने उसी जाँच रिपोर्ट को आधार बनाकर जिला पंचायत राज अधिकारी को एफ आई आर निरस्त करने का आदेश दे दिया। वर्तमान जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा उस एफ आई आर के आदेश को निरस्त कर दिया गया।
मामला पंहुचा न्यायालय तो तलब किये हाक़िम
रिपोर्ट दर्ज न होने के चलते शिकायत कर्ता ने मामले को मुख्य न्यायाधीश के समझ वाद के रूप में प्रस्तुत किया तो शिकायतकर्ता की शिकायत पर प्रयागराज जिलाधिकारी को तलब किया करते हुए मामले की गहन जाँच के लिए डीएम प्रयागराज को आदेश दिया तो उन्होंने इस प्रकरण मे एसडीएम रैंक के अधिकारी से जाँच कराकर जाँच रिपोर्ट उपलब्ध कराने का आदेश दिया। एसडीएम हंडिया द्वारा जाँच मे सुदामा राम गावड़े पूर्व सचिव, अंजनी कुमार पूर्व प्रधान, सुगंधा शुक्ला वर्तमान सचिव, अमरावती देवी वर्तमान प्रधान व उनके पुत्र विपिन सिंह दोषी पाए गए है। ग्राम सभा मे करोड़ों रूपये का गबन हुआ है। न तो कागजात पूर्ण हैं न ही काम करवाया गया। सिर्फ और सिर्फ पैसे का बंटाधार हुआ है। अभी तक इनके विरुद्ध सम्बंधित थाने मे आर्थिक भ्रष्टाचार का मामला दर्ज हुआ है और न ही किसी तरह की रिकवरी का आदेश हुआ है।
खुद प्यासा है कहरा का अमृत सरोवर बड़े पैमाने पर हुयी धांधली
कहरा में शासन के प्रस्ताव पर अमृत सरोवर का निर्माण कराया गया। सरोवर खुदाई में मनरेगा मजदूरों कि जगह मशीनों का इस्तेमाल किया गया और मानक विहीन तालाब का निर्माण करवा दिया गया। हालांकि सचिव सुगंधा शुक्ला ने मामले में मीडिआ को बताया है कि उक्त अमृत सरोवर को पुनः खुदवाया जायेगा और मानक के हिसाब से बनवाया जायेगा लेकिन तालाब के नाम पर लाखों रु दबा दिया