ब्रेकिंग
5 विश्वा जमीन की लालच ने दिखाया जेल का रास्ता पहलगाम हमले के आतंकवादियों को ढूंढ ढूंढ कर सबक सिखाये भारत- प्रमोद तिवारी नदी मे डूबने से 4 मासूम बेटियों की हुयी मौत मौके पर पंहुचे राजा भैया सेना के सम्मान में निकली तिरंगा यात्रा सूचना एवं प्रौद्यौगिकी क्रांति की राजीव की दूरदर्शिता से बढ़ा भारत का सामरिक महत्व- प्रमोद तिवारी। स्व० राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर चौपाल का आयोजन हुआ। डीएम की अध्यक्षता में आयोजित हुई जिला पोषण समिति की बैठक दिव्यांग छात्र छात्राओं को अधिकतम 15 हज़ार के निशुल्क उपकरण मिलेंगे देवर्षि नारद जयंती के उपलक्ष में विश्व संवाद केंद्र प्रतापगढ़ द्वारा समारोह का आयोजन किया गया। भाजपा जिला कार्यालय पर जिला कार्यशाला का हुआ आयोजन
उत्तरप्रदेशलखनऊ

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता से चार बैंकों में सात करोड़ रुपये की धोखाधड़ी।

पटना निवासी एक व्यक्ति ने बैंककर्मियों के साथ मिलीभगत कर अधिवक्ता के फर्जी हस्ताक्षर बना लिए, और धीरे-धीरे पूरी धनराशि बैंकों से निकाल ली।

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता से चार बैंकों में सात करोड़ रुपये की धोखाधड़ी।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज

लखनऊ, 27 दिसम्बर।

पटना निवासी एक व्यक्ति ने बैंककर्मियों के साथ मिलीभगत कर अधिवक्ता के फर्जी हस्ताक्षर बना लिए, और धीरे-धीरे पूरी धनराशि बैंकों से निकाल ली।

अधिवक्ता ने दिल्ली स्थित मकान बेचकर यह धनराशि बैंकों में जमा की थी। 

मूलरूप से पटना के रहने वाले बुजुर्ग अधिवक्ता ने शुक्रवार को मथुरा के वृंदावन थाने में बैंकों के विरुद्ध धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

90 वर्षीय विश्वामित्र भारती सुप्रीम कोर्ट की प्रैक्टिस छोड़ने के बाद 12 वर्ष पहले कृष्ण भक्ति के चलते वृंदावन में रहने आ गए थे। 

दिल्ली का अपना मकान उन्होंने सात वर्ष पहले सात करोड़ रुपये में बेच दिया था। उन्होंने बताया कि चार करोड़ रुपये फरीदाबाद की एचडीएफसी बैंक में जमा किया। एचडीएफसी बैंक शाखा वृंदावन में 80 लाख रुपये, एक्सिस बैंक वृंदावन में डेढ़ करोड़ रुपये और इंडियन बैंक वृंदावन में करीब 80 लाख रुपये जमा किए। 

इसके बाद वह पटना रहने चले गए। तबीयत बिगड़ने पर एक वर्ष पहले फिर वृंदावन लौट आए। बैंक खातों की जांच की तो उनसे सारी रकम निकाली जा चुकी थी।

उनका कहना है कि बैंक में जमा की गई धनराशि की रसीद उनके पास हैं। बैंकों ने धोखाधड़ी कर उनका रुपया दूसरे व्यक्तियों को दे दिया। 

उन्होंने बताया कि काफी प्रयास कर कुछ जानकारी एकत्र की तो पता चला कि पटना के ही उनके परिचित अभिषेक, उसके दोस्तों और बैंक कर्मियों ने मिलकर उनके फर्जी हस्ताक्षर बना लिए और रुपये निकालते रहे। 

थाना प्रभारी वृंदावन रवि त्यागी ने बताया कि प्रथम दृष्टया धोखाधड़ी की बात सही प्रतीत हो रही है। रिपोर्ट दर्ज कर मामले की विवेचना की जा रही है।

DrShakti KumarPandey

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय अंग्रेजी साहित्य के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष रहे हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में टाइम्स ऑफ इंडिया, नवभारत टाइम्स और यूएनआई के पत्रकार रहे हैं। आजकल 'ग्लोबल भारत' मासिक पत्रिका और न्यूज पोर्टल के प्रधान सम्पादक हैं।

यह भी पढ़ें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button